West Bengal

बंगाल में बीएलओ को सख्त हिदायत, हस्तक्षेप की शिकायत सीधे मुख्य निर्वाचन अधिकारी को करें

कोलकाता, 22 सितम्बर (Udaipur Kiran News) । पश्चिम बंगाल में अगले महीने चुनाव आयोग द्वारा प्रस्तावित विशेष गहन पुनरीक्षण (स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन) की शुरुआत से पहले मुख्य निर्वाचन अधिकारी (मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी) का दफ्तर पूरी सतर्कता बरत रहा है। इस प्रक्रिया को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाने के लिए बूथ लेवल अधिकारियों को सुरक्षा और आचरण संबंधी विशेष निर्देश दिए गए हैं।

सूत्रों के अनुसार, बूथ लेवल अधिकारियों को साफ हिदायत दी गई है कि अगर उन्हें ड्यूटी के दौरान किसी भी राजनीतिक दल, प्रशासनिक तंत्र या किसी अन्य व्यक्ति की ओर से दखल, विरोध या सहयोग न करने जैसी स्थिति का सामना करना पड़े, तो वे तुरंत इसकी सूचना मुख्य निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय को दें।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी, मामले की गंभीरता और तात्कालिकता के आधार पर कार्रवाई करेंगे और जरूरत पड़ने पर इस संबंध में चुनाव आयोग के दिल्ली मुख्यालय को रिपोर्ट भेजेंगे। आयोग की ओर से स्पष्ट किया गया है कि यदि कोई व्यक्ति, चाहे वह राजनीतिक हो या प्रशासनिक, बूथ लेवल अधिकारियों के काम में बाधा डालते हुए पाया गया, तो उसके खिलाफ कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी का दफ्तर सुरक्षा इंतजामों की भी गहन समीक्षा करेगा। अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि बूथ लेवल अधिकारियों को फील्ड विजिट के दौरान पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराई जाए। अगर सुरक्षा इंतजाम में किसी तरह की लापरवाही पाई जाती है, तो इसे तुरंत चुनाव आयोग के संज्ञान में लाया जाएगा और आयोग उसके अनुसार कदम उठाएगा।

चुनाव आयोग पहले ही सभी राज्यों के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारियों को बूथ लेवल अधिकारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विशेष सतर्कता बरतने का आदेश दे चुका है।

इस बीच विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने भी बूथ लेवल अधिकारियों की सुरक्षा को लेकर चिंता जाहिर की है। उनका कहना है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी खुद कई बार यह याद दिला चुकी हैं कि बूथ लेवल अधिकारी अंततः राज्य सरकार के कर्मचारी हैं, ऐसे में उनकी सुरक्षा को लेकर आशंका और बढ़ जाती है।—————————-

(Udaipur Kiran) / ओम पराशर

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