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नए भारत के निर्माण में इंजीनियरों की अहम भूमिका – प्रो दिबाकर चंद्र डेका

नए भारत के निर्माण में इंजीनियरों की अहम भूमिका – प्रो दिबाकर चंद्र डेका
नए भारत के निर्माण में इंजीनियरों की अहम भूमिका – प्रो दिबाकर चंद्र डेका

राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय में मनाया इंजीनियर्स डे समारोह

अजमेर, 15 सितम्बर (Udaipur Kiran) । नए भारत के निर्माण में इंजीनियरों का योगदान अतुलनीय है और भारतीय होने के नाते हम सभी भारतीय संस्कृति एवं मूल्यों को सुदृढ़ करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यदि आप वास्तव में सफल होना चाहते हैं, पहचान बनाना चाहते हैं और समाज में योगदान देना चाहते हैं तो आपको भगवान विश्वकर्मा जिन्हें अभियंत्रण (इंजीनियरिंग) के देवता के रूप पूजा जाता है और महान अभियंता एम. विश्वेश्वरैया से प्रेरणा लेनी चाहिए। इंजीनियर्स डे जैसे मंच आपको बहुत कुछ सीखने का मौका देते हैं।

मिज़ोरम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो दिबाकर चंद्र डेका ने राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय में इंजीनियर्स डे पर आयोजित विशेष समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में सभा को संबोधित करते हुए यह कहा। राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो आनंद भालेराव ने मुख्य अतिथि का स्वागत किया।

उन्होंने कहा कि यदि इंजीनियर अपना कार्य सही ढंग से नहीं करेंगे तो समाज और राष्ट्र को कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा। अनेक महत्वपूर्ण कार्य उनकी ज़िम्मेदारी में आते हैं और राष्ट्र के विकास में उनका योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण है।

राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो आनंद भालेराव ने कहा कि इंजीनियर्स डे इंजीनियरों के उत्कृष्ट कार्यों को याद करने के साथ-साथ नवाचार, उत्कृष्टता और सामाजिक योगदान के लिए निरंतर प्रयास करने की याद दिलाता है। उन्होंने कहा कि एम. विश्वेश्वरैया का जीवन दृढ़संकल्प, बहुमुखी प्रतिभा और लोकसेवा के प्रति समर्पण का प्रतीक है। हमें भी उनसे प्रेरणा लेकर राष्ट्र निर्माण में उसी समर्पण, नवाचार और प्रतिबद्धता के साथ कार्य करना चाहिए। प्रो. भालेरेाव ने इंजीनियरिंग एवं प्रौद्योगिकी स्कूल के संकाय सदस्यों और विद्यार्थियों को बधाई दी कि उन्होंने लगातार तीन वर्षों से सफलतापूर्वक इस कार्यक्रम और ‘स्टार्टअप एवं इनोवेशन प्रतियोगिता का आयोजन किया। यह मंच विद्यार्थियों को अपने विचारों और उद्यमशीलता की भावना को प्रस्तुत करने का अवसर प्रदान कर रहा है और राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय में नवाचार एवं स्टार्टअप संस्कृति को प्रोत्साहित करने की एक समृद्ध परंपरा स्थापित की है।

प्रो. आनंद भालेरेाव ने कहा कि भारत में उद्यमिता के भविष्य युवा ही हैं। आपके पास विचारों की अपार संपदा है और सीयूआरएजे इनक्यूबेशन फाउंडेशन आपके इन विचारों को खोजने, निखारने और साकार करने में मदद करने के लिए तत्पर है। उन्होंने कहा कि यह आयोजन आपको बड़े सपने देखने, जोखिम उठाने और अपने विचारों को क्रियान्वित करने के लिए प्रेरित करे। भविष्य उन्हीं का है जो अलग तरह से सोचने का साहस करते हैं।

प्रो. भालेरेाव ने विद्यार्थियों से आह्वान किया कि वे रोजगार सृजन करें, दूसरों को सशक्त बनाएं और नौकरी तलाशने वालों के बजाय नौकरी देने वाले बनकर देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करें।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि प्रो दिबाकर चंद्र डेका द्वारा स्टार्ट अप और इनोवैशन 4.0 प्रतियोगिता के प्रथम, द्वितीय और तृतीय विजेताओं को क्रमशः 15,000 रुपये , 10,000 रुपये और 5,000 हजार रुपये का नकद पुरस्कार दिया गया। पहला पुरस्कार ऐमिटी यूनिवर्सिटी राजस्थान जयपुर के पंकज कुमार और विजय सिंह ने जीता, दूसरा पुरस्कार आईईएस कॉलेज ऑफ टेक्नोलॉजी, भोपाल से मोहित कुमार, मुस्कान पाल, अमित कुमार, मयंक सिंह ने और तीसरा पुरस्कार पूर्णिमा यूनिवर्सिटी, जयपुर (राजस्थान) के मनु शर्मा, आदित्य शर्मा और श्रेयांश जैन ने जीता।

स्टार्टअप एण्ड इनोवैशन 4.0 प्रतियोगिता देश के कई प्रतिष्ठित व प्रमुख संस्थानों से प्रविष्टियाँ प्राप्त हुईं। कुल प्रविष्टियों में से, 35 चयनित परियोजनाओं ने प्रदर्शनी में भाग लिया और तदनुसार न्यायाधीशों द्वारा शीर्ष तीन का चयन किया गया।

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(Udaipur Kiran) / संतोष

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