
बीकानेर, 22 सितंबर (Udaipur Kiran News) । केंद्र सरकार ने भुजिया पर लगे जीएसटी (गुड्स सर्विस टैक्स) को 12 परसेंट से घटाकर पांच प्रतिशत कर दिया है। ऐसे में भुजिया की रेट में पंद्रह से बीस रुपए की कमी आई है। बीकाजी समेत बीकानेर के भुजिया व्यापारियों ने दाम किए है। शहर में करीब 100 से ज्यादा भुजिया बनाने की भट्टियां हैं। इससे पहले भुजिया 220 रुपए प्रति किलो के हिसाब से बेची जा रही थी। लेकिन, जीएसटी कम होने के बाद 15 से 20 रुपए कम हुए है। अब इसकी कीमत 200 रुपए प्रतिकिलो से शुरू हो रही है।
बीकाजी ने दो सौ ग्राम पैकिंग वाला भुजिया की रेट 58 रुपए कर दी है, जबकि पहले इसकी रेट 62 रुपए थी। इसी तरह चार सौ ग्राम वाले पैकेट की रेट 122 रुपए से घटाकर 110 रुपए कर दी है। वहीं बीकाजी ने अपने गिफ्ट पैक भी सस्ते किए हैं, जिसमें भुजिया की पैकिंग शामिल है। इसमें 370 रुपए वाला पैकेट अब 350 रुपए में मिलेगा। वहीं 663 रुपए वाला पैकेट अब 630 रुपए में मिल सकेगा। दरअसल, इसमें मिठाई का पैकेट भी होता है, मिठाई पर जीएसटी में कोई अंतर नहीं आया है। बीकानेर की एक अन्य बड़ी भुजिया निर्माता कंपनी भीखाराम चांदमल ने जीएसटी धमाका नाम दिया है। कंपनी के प्रचार प्रसार से जुड़े ज्ञान गोस्वामी ने बताया कि 240 रुपए प्रति किलो भुजिया की रेट घटाकर अब 224 रुपए कर दी है। भुजिया के अन्य प्रोड्क्ट्स पर भी इसी अनुपात में रेट कम की गई है।
जीएसटी विशेषज्ञ एडवोकेट मदन मोहन व्यास ने बताया कि केंद्र सरकार ने ब्रांडेड भुजिया पर जीएसटी को बारह परसेंट से घटाकर पांच परसेंट कर दिया। जो भुजिया किसी भी थैली, पैकिंग में बेचा जा रहा है, उस पर बारह परसेंट जीएसटी था। वहीं जो भुजिया खुले में बिना पैकिंग बेचा जा रहा था, उस पर पांच परसेंट जीएसटी था। नए आदेश में केंद्र सरकार ने इसे समान कर दिया। अब पैकिंग किया हुआ या फिर बिना पैकिंग किया हुआ भुजिया पर जीएसटी समान रूप से पांच परसेंट ही लगेगी। इसी कारण भुजिया की कीमत में सात परसेंट की न्यूनतम गिरावट आई है।
इधर, बीकानेर शहर में जगह-जगह भट्टी लगाकर खुला भुजिया बेचने वालों ने भी अपनी रेट में कमी कर दी है। आचार्यों के चौक में भुजिया बनाने वाले ऋषि पुरोहित (पूनसा) ने बताया कि कल तक जिस भुजिया की रेट 220 रुपए थी, उसे कम करके अब दो सौ रुपए कर दिया गया है। खुले भुजिया पर जीएसटी कम नहीं हुई है लेकिन इसके बाद भी रेट कम की गई है।
आमतौर पर तेल, बेसन सहित अन्य कच्चे माल की रेट बढ़ने पर भुजिया की रेट बढ़ जाती है लेकिन कच्चे माल की कीमत कम होने पर भुजिया की रेट कम नहीं होती। जीएसटी का संबंध सीधे सरकार से है, ऐसे में जीएसटी कम होते ही भुजिया की रेट कम हो गई है।
—————
(Udaipur Kiran) / राजीव
