मुंबई ,1 सितंबर (Udaipur Kiran) । ठाणे नगर निगम क्षेत्र में पाँचवें दिन गणेश प्रतिमा विसर्जन रविवार को भक्तिमय वातावरण में संपन्न हुआ। इस वर्ष, पाँच दिनों में नगर निगम क्षेत्र में 8984 गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया। इनमें से 4811 प्रतिमाएँ शाडू मिट्टी से और 4173 मूर्तियाँ पीओपी से बनी थीं। ठाणे नगर निगम द्वारा पर्यावरण-अनुकूल गणेशोत्सव की अवधारणा को क्रियान्वित कर राज्य में पर्यावरण-अनुकूल गणेशोत्सव की मिसाल कायम करने वाली वैकल्पिक गणेश विसर्जन व्यवस्था के अंतर्गत निर्मित कृत्रिम तालाबों में गणेश प्रतिमाओं के विसर्जन को इस वर्ष भी श्रद्धालुओं ने अच्छी प्रतिक्रिया दी।
इसी प्रकार, नगर निगम के गणेश प्रतिमा स्वीकृति केंद्र में प्राप्त कुल 25 गणेश प्रतिमाओं और चलित विसर्जन व्यवस्था में 62 गणेश प्रतिमाओं का विधिवत विसर्जन किया गया।
माननीय उच्च न्यायालय के आदेशानुसार, छह फीट तक की मूर्तियों का विसर्जन कृत्रिम तालाब में और उससे बड़ी मूर्तियों का विसर्जन खाड़ी के घाटों पर किया जा रहा है। कुछ श्रद्धालुओं ने छोटी मूर्तियों का भी खाड़ी में विसर्जन करने पर जोर दिया। नगर निगम और पुलिस प्रशासन द्वारा उनसे बार-बार कृत्रिम तालाब में विसर्जन करने का अनुरोध किया गया। इसी पृष्ठभूमि में, नगर निगम ने नागरिकों से अपील की है कि वे सप्तमी और ग्यारहवीं तिथि को भी छह फीट तक की मूर्तियों का विसर्जन कृत्रिम तालाब में करें।
मुख्य पर्यावरण अधिकारी मनीषा प्रधान ने बताया कि कृत्रिम झील, चल विसर्जन दल, तालाब, स्वीकृति केंद्र पर सभी मूर्तियों के विधिवत विसर्जन के बाद, जल तल में जमा होने वाली मिट्टी की तलछट का प्रदूषण नियंत्रण मंडल द्वारा निर्धारित कार्ययोजना के अनुसार प्रसंस्करण किया जाएगा।गणेश प्रतिमा विसर्जन के पांचवे दिन छह टन से अधिक निर्मालय इक्कठा किया गया,इससे जैविक खाद बनेगी।
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(Udaipur Kiran) / रवीन्द्र शर्मा
