Chhattisgarh

अंबिकापुर: गली-मोहल्लों में धड़ल्ले से बिक रही अवैध शराब, युवाओं को बना रही नशे का गुलाम

सीतापुर इलाके में अवैध शराब का कारोबार

अंबिकापुर, 8 अगस्त (Udaipur Kiran) । सरकार भले ही अवैध शराब पर रोक लगाने के लिए तमाम नियम-कानून बना चुकी हो, लेकिन सरगुजा जिले के सीतापुर नगर से लेकर आसपास के गांवों तक अवैध शराब की खुलेआम बिक्री हो रही है। आलम यह है कि गली-मोहल्लों में शराब आसानी से उपलब्ध हो रही है, जिससे गांव का युवा वर्ग तेजी से नशे की गिरफ्त में आता जा रहा है।

अवैध शराब का यह काला कारोबार न सिर्फ युवा पीढ़ी के भविष्य को बर्बाद कर रहा है, बल्कि समाज में अपराध और अराजकता को भी बढ़ावा दे रहा है। हैरानी की बात यह है कि शराब माफिया को इस गोरखधंधे के लिए दूर कहीं जाने की जरूरत नहीं पड़ती। उन्हें सरकार द्वारा संचालित शासकीय अंग्रेजी शराब दुकानों से ही माल मिल जाता है।

सूत्र बताते हैं कि शराब दुकानों में कार्यरत कुछ कर्मचारियों की शराब माफियाओं से गहरी सांठगांठ है। मोटी रकम लेकर ये कर्मचारी नियम-कायदों को ताक पर रखकर बड़ी मात्रा में शराब खपाते हैं। इसी अवैध गठजोड़ के बूते शराब माफिया पूरे क्षेत्र में महंगे दामों पर शराब बेचते हैं। इसका खामियाजा गांवों के युवा और अब तो युवतियां भी भुगत रहे हैं, जो नशे की गिरफ्त में आते जा रहे हैं।

गुतुरमा, मुरता, काराबेल, राजपुरी, सहनपुर और भुषु जैसे गांवों में तो शराब की बिक्री इतनी आम हो चुकी है कि ढाबों और होटलों में भी बेधड़क शराब परोसी जा रही है। नाबालिग लड़कों तक को शराब आसानी से मिल रही है। यही कारण है कि अब जन्मदिन जैसे आयोजनों में भी युवक फिल्मी अंदाज में शराब पीते नजर आते हैं, जिससे माहौल अशांत हो जाता है और कई बार मारपीट की स्थिति भी बन जाती है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि पुलिस और आबकारी विभाग इस पूरे मामले में पूरी तरह से विफल साबित हो रहे हैं। जनता की आंखों के सामने चल रहे इस अवैध कारोबार पर जिम्मेदार अधिकारी आंखें मूंदे बैठे हैं।

बुधवार की रात ग्राम गुतुरमा निवासी एक कुख्यात शराब माफिया को पुलिस ने सरकारी शराब दुकान से भारी मात्रा में शराब के साथ रंगेहाथ पकड़ा। यह कार्रवाई मुखबिर की सूचना पर की गई थी। आरोपी को थाने लाया गया, लेकिन रातोंरात उसे छोड़ दिया गया। इस पूरे मामले में पुलिस की भूमिका पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। न तो किसी स्पष्ट कार्रवाई की जानकारी दी गई और न ही यह बताया गया कि आखिर किस आधार पर आरोपी को छोड़ा गया।

जब इस संबंध में सीतापुर थाना प्रभारी गौरव पांडेय से बात की गई तो उन्होंने मामले की जानकारी होने से इनकार करते हुए कहा कि वे जांच कर जानकारी देंगे।

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(Udaipur Kiran) / पारस नाथ सिंह

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