
जोधपुर, 20 सितम्बर (Udaipur Kiran) । शहर में आईआईटी की एक छात्रा को ऑन लाइन शू ऑडर करना महंगा पड़ गया। शातिर ने कूरियर कपंनी का बता कर फ्रॉड करते हुए खाते से 1.26 लाख रूपये निकाल लिए। पीडि़त छात्रा वक्त बुखार और गले के संक्रमण से भी पीडि़त थी। घटना 11 से 13 सितंबर के बीच हुई। अब करवड़ थाने में धोखाधड़ी एवं आईटी एक्ट में प्रकरण दर्ज कराया गया है। पुलिस ने इसमें अग्रिम जांच आरंभ की है। साइबर पोर्टल पर भी शिकायत दी गई है।
मूलत: हैदराबाद की रहने वाली ग्रीष्मा पुत्री कोडाडापाल ने यह रिपोर्ट दी है। इसमें बताया कि वह आईआईटी में अध्ययनरत है। 11 सितंबर को टाटा क्लिक पर वेस्टसाइड ब्रांड की एक जोड़ी चप्पल का ऑर्डर दिया था। 13 सितंबर को एक व्यक्ति का फोन आया जिसने खुद को वेस्टसाइड के कूरियर विभाग से होने का दावा किया। उसने बताया कि मेरा भुगतान प्राप्त नहीं हुआ है और उसे रोक दिया गया है। उसने बाद में एक क्यूआर कोड के जरिए 350. 55 रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया और एक मोबाइल नंबर से व्हाट्सएप पर आगे के निर्देश भी भेजे, जो वेस्टसाइड से जुड़ा हुआ लग रहा था। इसके बाद, 350.05 रुपये और 350.50 रुपये की अतिरिक्त निकासी भी की गई। फिर कॉल करने वाले ने मुझसे तथाकथित डेबिट फ्रीज और रिफंड कोड डालने को कहा और दावा किया कि रिफंड प्रोसेस करने के लिए यह जरूरी है। उसने आगे कहा कि रिफंड शुरु करने के लिए, कम से कम 30 हजार रुपये का बैलेंस जरुरी है। वक्त घटना उसे बुखार और गले में संक्रमण से पीडि़त थी। दवाइयाँ ले रही थी और मेरी हालत बहुत नाजुक थी। शातिर की बात पर यकीन करके निर्देशों का पालन किया और अपनी दोस्त से भी अनुरोध किया कि वह अपना अकाउंट निर्देशानुसार लिंक कर दें। इस बीच बाद में देखा तो पता लगा कि खाते से धोखाधड़ी करके 48 हजार निकाल लिए गए हैं। धोखाधड़ी का अंदेशा होने पर शेष लगभग 72 हजार रूपए अपनी माँ के खाते में स्थानांतरित करने का प्रयास किया, लेकिन मेरी दैनिक लेनदेन सीमा 1 लाख रुपये होने के कारण स्थानांतरण पूरा नहीं हो सका। इसके बाद मेरे खाते से 46,600 रुपये की निकासी कर ली गई। तब मित्र के खाते से 19,900 रुपये और 9,999 रुपये की अतिरिक्त निकासी कर ली गई। इस प्रकार शातिर ने कुल 1 लाख 26 हजार 350 रूपए निकाल लिए। पीडि़ता ने रिपोर्ट में बताया कि जिन नंबरों कॉल या बात हुई उनके नाम एसके शहाब अहमद, अविजित दास, अमनकांत सामने आए है। पुलिस को आशंका है कि यह नाम भी फर्जी हो सकते है।
(Udaipur Kiran) / सतीश
