
संविधान दिवस, प्रस्तावना का सामूहिक वाचन का आयोजन
जोधपुर, 27 नवम्बर (Udaipur Kiran) । भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान जोधपुर ने संविधान दिवस (संविधान दिवस) को समारोह के साथ मनाया, जिसमें शिक्षा, अनुसंधान, नवाचार और सेवा के माध्यम से राष्ट्र-निर्माण के प्रति संस्थान की प्रतिबद्धता को उजागर किया गया। इस अवसर पर संकाय सदस्यों, कर्मचारियों, विद्यार्थियों और विशिष्ट अतिथियों ने एकजुट होकर भारत के संविधान में निहित मूल्यों पर मनन किया।
कार्यक्रम की शुरुआत पारंपरिक दीप प्रज्ज्वलन से हुई, जिसके बाद प्रस्तावना का सामूहिक वाचन किया गया। सभी उपस्थित जनों ने न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व के उन आदर्शों के प्रति पुन: अपनी आस्था व्यक्त की, जो भारत गणराज्य का आधार स्तंभ हैं।
आईआईटी जोधपुर के निदेशक प्रो. अविनाश के. अग्रवाल ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि संविधान एक जीवंत मार्गदर्शक है जो प्रत्येक शैक्षणिक प्रयास को दिशा देता है और ज्ञान को जनहित में बदलने की प्रेरणा प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि संविधान हमें स्वतंत्रता, समानता, न्याय और बंधुत्व की प्रेरणा देता है।
आईआईटी जोधपुर में हम इस दृष्टि को अनुसंधान को सामाजिक उत्थान और नवाचार को राष्ट्रीय प्रगति में बदलकर सम्मान देते हैं। संविधान दिवस पर हम यह संकल्प दोहराते हैं कि हम ईमानदारी, संवेदनशीलता और उद्देश्यपूर्ण नवाचार को अपनाने वाले जिम्मेदार इंजीनियर, वैज्ञानिक और नेता तैयार करेंगे।
आईआईटी जोधपुर के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष एएस किरण कुमार ने डिजिटल युग में उभर रहे मानसिक उपनिवेशवाद के प्रति सचेत रहने का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि संविधान हमें अपनी सभ्यतागत जड़ों को आत्मविश्वास के साथ संजोकर रखने की प्रेरणा देता है।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि व पूर्व राज्यसभा सांसद प्रो. राकेश सिन्हा ने संविधान की दार्शनिक और सांस्कृतिक आधारशिला पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भारत विश्व की सबसे प्राचीन सभ्यताओं में से एक है और संविधान राष्ट्र की बौद्धिक व सांस्कृतिक शक्ति को पुनर्जीवित करने का मार्ग प्रदान करता है।
समारोह के दौरान आईआईटी जोधपुर की राष्ट्रीय महत्व संस्थान के रूप में भूमिका विशेष रूप से रेखांकित की गई। संस्थान एआई-आधारित प्रिसिजन हेल्थकेयर, सतत प्रौद्योगिकियों और उन्नत इंजीनियरिंग शिक्षा जैसे क्षेत्रों में अनुसंधान के माध्यम से सामाजिक प्रभाव और राष्ट्रीय प्रगति में योगदान दे रहा है। कार्यक्रम का समापन विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ हुआ, जिसमें संगीत व नृत्य के माध्यम से भारत की विविधता में एकता का संदेश प्रभावी रूप से प्रस्तुत किया गया।
(Udaipur Kiran) / सतीश