West Bengal

आईआईएम जोका मामला : पुलिस को संदेहास्पद लग रहा पीड़िता का आचरण

पीली टैक्सी

कोलकाता, 16 जुलाई (Udaipur Kiran) ।

आईआईएम जोका परिसर में एक युवती के साथ कथित दुष्कर्म के मामले में जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, पुलिस के लिए यह मामला उतना ही उलझता जा रहा है। एक अधिकारी ने बुधवार को कहा कि पीड़िता के दावे को लेकर नए सिरे से जांच शुरू की गई है और उसकी भूमिका भी अब संदिग्ध लगने लगी है। सोमवार के बाद मंगलवार को भी पीड़िता गोपनीय बयान देने के लिए अलीपुर कोर्ट नहीं पहुंची। पुलिस ने बताया कि लगातार संपर्क की कोशिशों के बावजूद उससे कोई संपर्क नहीं हो पा रहा है।

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एसआईटी अधिकारियों की नाराजगी, सहयोग नहीं कर रही पीड़िता

विशेष जांच टीम (एसआईटी) से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक, पीड़िता की तरफ से लगातार सहयोग नहीं मिल रहा है, जिससे जांच की दिशा पर असर पड़ रहा है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि इस तरह का व्यवहार संदेह की स्थिति पैदा कर रहा है। शनिवार को अलीपुर कोर्ट में पीड़िता का बयान दर्ज कराया जाना था, लेकिन वह नहीं आई। मंगलवार को भी यही स्थिति बनी रही। यहां तक कि दक्षिण 24 परगना स्थित उसके घर पहुंचने के बाद भी पुलिस को निराशा हाथ लगी।

शुक्रवार को आईआईएम जोका के हॉस्टल में युवती के साथ दुष्कर्म की शिकायत दर्ज कराई गई थी। इसके बाद हरिदेवपुर थाने की पुलिस ने दूसरे वर्ष के एमबीए छात्र परमानंद महाबीर टोप्पनाबर उर्फ परमानंद जैन को ‘लेक व्यू’ हॉस्टल के कमरे संख्या 151 से गिरफ्तार किया।

पुलिस के अनुसार, शिकायत दर्ज होने के बाद से ही पीड़िता मेडिकल जांच के लिए राजी नहीं हुई है, न ही उसने अपने कपड़े सौंपे जिन्हें डीएनए परीक्षण के लिए भेजा जा सके। ऐसे में पुलिस को अब आरोपित के कपड़ों के जरिए फॉरेंसिक जांच करानी पड़ रही है।

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मादक द्रव्यों के सेवन का एंगल भी जांच में

पीड़िता ने आरोप लगाया था कि उसे नशीला पदार्थ खिलाकर उसके साथ दुष्कर्म किया गया। इस आधार पर पुलिस ने आरोपित और पीड़िता के मोबाइल कॉल रिकॉर्ड्स, सोशल मीडिया चैट्स और घटनास्थल से लिए गए खाद्य पदार्थ और पानी के नमूनों को फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा है। पुलिस आरोपित को लेकर घटनास्थल पर जाकर क्राइम सीन की पुनर्निर्माण प्रक्रिया भी कर रही है।

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क्या बनावटी है पीड़िता की कहानी? पुलिस नहीं कर रही किसी संभावना से इनकार

जांच अधिकारियों का मानना है कि इस मामले में पीड़िता का पुलिस से दूरी बनाना और लगातार कोर्ट से अनुपस्थित रहना मामले को संदिग्ध बना रहा है। इसके अलावा पीड़िता के पिता ने भी दावा किया है कि उसकी बेटी के साथ कुछ भी नहीं हुआ है, बल्कि वह ऑटो से गिर गई थी। पुलिस अब यह भी जांच कर रही है कि कहीं यह पूरा मामला एकतरफा कहानी तो नहीं, जिसे बाद में बदल दिया गया हो। हालांकि पुलिस इस केस को संवेदनशील मानते हुए सावधानीपूर्वक हर पहलू की जांच कर रही है।

अब शनिवार को अदालत में पुलिस स्थिति की जानकारी दे सकती है। उसके बाद यह तय हो सकता है कि जांच किस दिशा में आगे बढ़ेगी।

(Udaipur Kiran) / ओम पराशर

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