
-महाविद्यालय भारत की संस्कृति, परम्परा व चिंतन का संवाहक : डॉ. रीता जोशी-स्वर्ण जयंती समारोह का तृतीय दिवसप्रयागराज, 15 सितम्बर (Udaipur Kiran) । स्वामी दयानन्द सरस्वती के विचारों व आदर्शों की बुनियाद पर स्थापित आर्य कन्या महाविद्यालय की अपनी एक ख्याति है। स्वामी जी ने समाज व देश में क्रान्तिकारी परिवर्तन कर मातृशक्ति को स्वतन्त्र व आत्मनिर्भर बनाने का कार्य किया है। महिलाएं शिक्षित होती हैं तो पूरा परिवार अपने आप शिक्षित हो जाता है।
उक्त विचार बतौर मुख्य अतिथि परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने आर्य कन्या डिग्री काॅलेज में आयोजित सार्थक स्वर्ण जयंती समारोह के तीसरे दिन सोमवार को समारोह को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किया। इस अवसर पर महाविद्यालय में सांस्कृतिक कार्यक्रमों की धूम रही।
कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि पूर्व सांसद व मंत्री डॉ. रीता बहुगुणा जोशी ने कहा कि स्वामी दयानन्द सरस्वती द्वारा स्थापित आर्य समाज व उससे संचालित आर्य कन्या जैसे महाविद्यालय भारत की संस्कृति, परम्परा व चिंतन के सम्वाहक हैं। उन्होंने छात्राओं से कहा कि जीवन जीना भी एक पद्धति है और जिसकी पद्धति अच्छी होगी, उसे सफलता अवश्य मिलती है।कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए शासी निकाय के अध्यक्ष पंकज जायसवाल ने कहा कि महाविद्यालय 50 वर्षों की अपनी गरिमामयी यात्रा पूरी कर चुका है और इस दौरान महाविद्यालय स्वामी दयानन्द सरस्वती के चिंतन का अनुसरण करता आया है। उन्होंने कहा कि महाविद्यालय छात्राओं को ज्ञान के साथ-साथ संस्कार व व्यावहारिक जीवन के लिए उपयोगी कौशल भी प्रदान किये जाते हैं।समारोह में मुख्य आकर्षण का केन्द्र मुम्बई बॉलीवुड से आए कलाकारों द्वारा मंचित किया गया नाटक रहा। ‘जीना इसी का नाम है’ नाटक के मंचन में प्रख्यात अभिनेता राजेन्द्र गुप्ता व अभिनेत्री हिमानी शिवपुरी ने अपनी अभिनय प्रस्तुति दी, जिसे खूब सराहा गया।
इससे पूर्व मुख्य अतिथि परिवहन मंत्री ने फिलैटेलिक सोसाइटी व डाक विभाग के संयोजन से आर्य कन्या महाविद्यालय की पांच दशकों की गौरवमयी यात्रा पर विशेष आवरण जारी किया। कार्यक्रम का संचालन चीफ प्राक्टर डॉ. रंजना त्रिपाठी ने तथा धन्यवाद ज्ञापन प्राचार्या प्रो. अर्चना पाठक ने किया।
कार्यक्रम में पी सी जोशी, डॉ. आदित्य सिंह, राजेश वर्मा, एम. गुलरेज, अशोक मित्तल, अनिल गुप्ता, मो. शरीक, रविन्द्र नाथ जायसवाल, अनिल कुमार गुप्ता, पी. एन. मिश्र, अरुणेश जायसवाल, भानु प्रकाश अग्रवाल, कृष्ण मोहन गुप्ता, विनोद जायसवाल, सुभाष जायसवाल, कमलेन्द्र जायसवाल, टीएन जायसवाल, डॉ. उर्मिला श्रीवास्तव, प्रो. इभा सिरोठिया, प्रो. अंजू श्रीवास्तव, प्रो. नीलांजना जैन, डॉ. श्याम कान्त, डॉ. अमित पाण्डेय, डॉ. अमित मिश्र, डॉ. सव्यसाची त्रिपाठी, डॉ. अमित कुमार शुक्ला, डॉ. चित्रा चौरसिया, डॉ. दीपशिखा पाण्डेय, डॉ. स्मिता, डॉ. नाज़नीन फारूकी, डॉ. शशि कुमारी, डॉ. सोनमती पटेल आदि शिक्षक-शिक्षिकाएं तथा बड़ी संख्या में छात्राएं मौजूद रहीं।
(Udaipur Kiran) / विद्याकांत मिश्र
