
-सरकार द्वारा ग्रीवेंस कमेटी की बैठक प्रशासनिक स्तर पर होने के निर्णय पर खड़े किए सवाल
गुरुग्राम, 18 जुलाई (Udaipur Kiran) । कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पंकज डावर ने कहा कि हरियाणा सरकार का ग्रीवेंस कमेटी में कमेटी के चेयरमैन की अनुपस्थिति में मामलों की सुनवाई प्रशासनिक स्तर पर करने का निर्णय सही नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक स्तर पर तो मामलों की पहले ही सुनवाई हो चुकी होती है। वहां से न्याय या सुनवाई नहीं होने पर ही केस ग्रीवेंस कमेटी की बैठक में लाए जा जाते हैं। फिर उन पर सुनवाई होती है।
पंकज डावर ने कहा कि अगर प्रशासनिक, जिला उपायुक्त स्तर पर मामलों का निपटारा होता तो फिर ग्रीवेंस कमेटी में मामले नहीं लाए जाते हैं। यहां पूरी गेंद अधिकारियों के पाले में ही डाल दी है। एक तरह से सरकार ने जिम्मेदारियों से पल्ला झाडक़र फिर से जनता और अधिकारियों को उलझाने का यह निर्णय लिया है। पंकज डावर ने कहा कि सरकार अपना यह निर्णय ले। इससे जनता को न्याय मिलने में देरी होगी। उन्होंने कहा कि भले ही इन बैठकों में अब वीआईपी का इंतजार ना करना पड़े, मगर जो सुनवाई मंत्री, मुख्यमंत्री के समक्ष होकर तुरंत प्रभाव से काम होते थे, वे शायद अधिकारियों के स्तर ना हो।
पंकज डावर ने कहा कि इस बार गुडग़ांव में काफी लंबे समय बाद ग्रीवेंस कमेटी की बैठक हुई है। शायद इस बैठक को भी सरकार गंभीरता से नहीं ले रही। अगर गंभीरता होती तो मासिक बैठक महीनों बाद नहीं होती। उन्होंने कहा कि ग्रीवेंस कमेटी के बीच का रास्ता निकालकर इसे जिला उपायुक्त के स्तर पर करना सही नहीं है। सरकार को चाहिए कि वह अधिकारियों को आदेश दे कि लोगों की समस्याओं का हर दिन निपटारा हो। जब भी कोई व्यक्ति जिला उपायुक्त के पास अपनी समस्या लेकर पहुंचता है तो उसकी सुनवाई तुरंत की जानी चाहिए। वैसे भी जिला प्रशासन गांवों में रात्रि ठहराव कर ही रहा है। इसलिए सरकार ग्रीवेंस कमेटी की बैठक को तो मासिक तौर पर करे और संबंधित मंत्री ही बैठक में मौजूद रहें। इससे लोगों में न्याय मिलने की उम्मीद बनी रहेगी। क्योंकि लोग अधिकारियों के चक्कर काटकर पहले से थक चुके होते हैं।
(Udaipur Kiran)
