
सरायकेला, 25 सितंबर (Udaipur Kiran News) । कुड़मी महतो समुदाय को अनुसूचित जनजाति सूची में शामिल करने की मांग के विरोध में गुरुवार को आदिवासी समुदाय ने सरायकेला जिला मुख्यालय में विरोध प्रदर्शन किया गया।
इस विरोध प्रदर्शन में सरायकेला, खरसावां, राजनगर, कुचाई सहित विभिन्न क्षेत्र के हजारों आदिवासी महिला पुरुष बाइक रैली के शक्ल में सरायकेला पहुंचे, जहां प्रखंड कार्यालय के समीप से पारम्परिक हथियार के साथ पैदल मार्च करते हुए आदिवासी समुदाय के महिला पुरुष जिला समाहरणालय पहुंचे।
यहां आदिवासी समाज की ओर से आदिवासी एकता जिंदाबाद और आदिवासी बनते नहीं आदिवासी पैदा होते हैं के नारे लगाए।
प्रदर्शन के बाद आदिवासी समुदाय की ओर से राष्ट्रपति और राज्यपाल के नाम उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में उन्होंने कुड़मी महतो समुदाय को एसटी का दर्जा नहीं देने का अनुरोध किया । हजारों की संख्या में पहुंचे आदिवासी समुदाय के लोगों को उपायुक्त ने अपने कार्यालय से बाहर आकर संबोधित किया।
मौके पर आदिवासी हो समाज के जिलाध्यक्ष सावन सोय ने कहा कि कुड़मी महतो एक मजबूत और प्रभावशाली समुदाय है। यदि उन्हें अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिया जाता है तो वे निश्चित रूप से आदिवासी समुदायों के हक और अधिकारों पर हावी हो जाएंगे। इससे आदिवासियों के लिए आरक्षित नौकरियों, शिक्षा और अन्य सरकारी लाभों पर नकारात्मक असर पड़ेगा। प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति से लोकुर समिति की ओर से निर्धारित मानदंडों का कड़ाई से पालन करने का आग्रह किया। उन्होंने यह भी अनुरोध किया कि भविष्य में किसी भी अन्य समुदाय को अनुसूचित जनजाति की श्रेणी में शामिल करने से पहले इन मानदंडों को आधार बनाया जाए।
इस विरोध रैली में कई प्रमुख आदिवासी नेता और सामाजिक कार्यकर्ता शामिल हुए जिनमें आदिवासी हो समाज के जिलाध्यक्ष सावन सोय, आदिवासी हो समाज महासभा के जिला उपाध्यक्ष मनोज कुमार सोय, दिसाउली फाउंडेशन के पाउंडर सधा हो बिहार विधानसभा के पूर्व उपाध्यक्ष देवेंद्र नाथ चम्पिया, पूर्व मुखिया गणेश गागराई, सुरेश हेम्ब्रम व श्रीराम हेम्ब्रम समेत अन्य उपस्थित थे।
टाटा कान्ड्रा मार्ग में लगा जाम
आदिवासी आक्रोश रैली के दौरान टाटा-कांड्रा मार्ग पर ट्रकों का लंबा जाम लग गया। जब तक आक्रोश रैली वापस नहीं लौटी तब तक जाम लगा रहा। रैली लौटने के बाद शाम तक जाम सामान्य हुआ।
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(Udaipur Kiran) / Abhay Ranjan
