– पारदर्शिता की पहल, खाद वितरण पर प्रशासन की पैनी नजर
मीरजापुर, 27 जून (Udaipur Kiran) । खरीफ सीजन में किसानों को समय से और उचित दर पर खाद उपलब्ध कराने के लिए जिला प्रशासन ने पूरी तरह कमर कस ली है। जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन ने उर्वरकों की बिक्री को पारदर्शी और अनुशासित बनाने के लिए जिलेभर में अफसरों की निगरानी व्यवस्था लागू कर दी है।
अब तहसील स्तर पर तहसीलदार और ब्लॉक स्तर पर खंड विकास अधिकारी (बीडीओ) उर्वरक वितरण के नोडल अफसर होंगे। साथ ही प्रत्येक न्याय पंचायत पर कृषि विभाग, सहकारिता विभाग और एडीओ (कृषि) को निगरानी में लगाया गया है। ये अधिकारी खाद दुकानों पर औचक निरीक्षण करेंगे और कालाबाजारी या ओवररेटिंग करने वालों पर सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करेंगे। अब खाद की बिक्री ‘पहले आओ, ज्यादा दाम दो’ नहीं, बल्कि ‘पहचान दिखाओ, हक पाओ’ की नीति पर होगी। प्रशासन की सख्ती से उम्मीद है कि किसानों को राहत मिलेगी और उर्वरक वितरण व्यवस्था में पारदर्शिता आएगी।
किसानों को राहत, मुनाफाखोरों पर शिकंजा
जिलाधिकारी ने साफ कर दिया है कि कोई भी विक्रेता किसानों से निर्धारित मूल्य से अधिक दाम नहीं वसूल सकता। यूरिया और डीएपी की बिक्री प्रति हेक्टेयर सात बोरी यूरिया और तीन बोरी डीएपी के कोटे के अनुसार ही होगी। डिजिटल निगरानी के लिए पीओएस मशीन के माध्यम से खाद वितरण होगा, जिसमें किसान का पहचान पत्र अनिवार्य होगा। जिला कृषि अधिकारी डॉ. अवधेश कुमार यादव को निर्देशित किया गया है कि हर बिक्री केंद्र का भौतिक सत्यापन किया जाए, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि मशीन में दर्शाया गया स्टॉक हकीकत में मौजूद है।
टैगिंग कर बेचना होगा महंगा सौदा
जिलाधिकारी ने यह भी चेताया है कि कोई भी विक्रेता फास्फेटिक उर्वरकों के साथ जबरन अन्य उत्पाद (जैसे कि कीटनाशक या उन्नत बीज) ‘टैगिंग’ करके नहीं बेच सकता। यदि कोई ऐसा करता पाया गया, तो उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कठोर कार्रवाई की जाएगी।
खरीफ की तैयारी, खाद है जरूरी
इन दिनों किसान धान, बाजरा, मूंगफली और अन्य खरीफ फसलों की बुवाई में जुटे हुए हैं, जिससे फास्फेटिक उर्वरकों की मांग तेजी से बढ़ी है। इस मौके पर यदि कालाबाजारी होती है तो इससे किसानों को आर्थिक नुकसान के साथ-साथ फसल उत्पादन पर भी असर पड़ेगा। प्रशासन की यह सक्रियता समय पर कदम उठाने की दिशा में अहम मानी जा रही है।
(Udaipur Kiran) / गिरजा शंकर मिश्रा
