Haryana

हिसार : बीटेक विद्यार्थियों के सेमीकंडक्टर आईसी सर्किट को पेटेंट ऑफिस जर्नल में मिला स्थान

कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई को पेटेंट प्रकाशन सौंपते डा. सरदूल सिंह धायल एवं विद्यार्थी।

कुलपति ने ​दी विश्वविद्यालय के दोनों वि​द्यार्थियों को बधाई

हिसार, 25 सितंबर (Udaipur Kiran News) । यहां के गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी

विश्वविद्यालय के इतिहास में आज एक नया स्वर्णिम अध्याय जुड़ गया है। विश्वविद्यालय

के इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग विभाग (ईईई) के बीटेक इलेक्ट्रॉनिक्स

एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग (ईसीई) के अंतिम वर्ष के दो विद्यार्थियों साहिल कुमार

और विनीत शर्मा ने अपने शिक्षकों के मार्गदर्शन में ऐसा नवाचार किया है, जिसने विश्वविद्यालय

को राष्ट्रीय स्तर पर गौरवान्वित किया है।

दोनों विद्यार्थियों ने विभाग के प्राध्यापक डॉ. सरदूल सिंह धायल और

सुमन दहिया के निर्देशन में एक अभिनव माइक्रोकंट्रोलर आधारित एम्बेडेड सिस्टम का सर्किट

तैयार किया, जिसे हाल ही में पेटेंट ऑफिस जर्नल (अंक 38/2025) में प्रकाशित किया गया

है। डा. सरदूल सिंह धायल विभाग के विद्यार्थियों साहिल कुमार व विनीत शर्मा के साथ

विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई से मिले तथा इस उपलब्धि के बारे में

अवगत कराया।

विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने गुरुवार काे विद्यार्थियों को इस उपलब्धि

पर बधाई दी तथा कहा कि यह उपलब्धि हमारे विद्यार्थियों की मेहनत, रचनात्मकता और लगन

का प्रमाण है।साहिल और विनीत ने न केवल तकनीकी उत्कृष्टता दिखाई, बल्कि यह भी साबित

किया कि स्नातक स्तर पर नवाचार का वास्तविक दुनिया में असर हो सकता है। गुजविप्रौवि

को ऐसे प्रतिभाशाली विद्यार्थियों पर गर्व है, जो अनुसंधान एवं प्रौद्योगिकी में सार्थक

योगदान देते हैं।

कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने इस अवसर पर कहा कि बीटेक स्तर पर प्रकाशित

यह पहला पेटेंट है, जिसने गुजविप्रौवि का नाम देशभर में रोशन किया है। यह उपलब्धि न

केवल ईईई विभाग के लिए बल्कि पूरे विश्वविद्यालय परिवार के लिए प्रेरणास्रोत है। यह

उपलब्धि इस बात का प्रमाण है कि यदि विद्यार्थियों को उचित मार्गदर्शन, संसाधन और प्रेरणा

मिले तो वे किसी भी स्तर पर बड़ा काम कर सकते हैं।

विभाग के प्राध्यापक डॉ. सरदूल सिंह धायल ने बताया कि इस पेटेंट का शीर्षक

‘सेमिकंडक्टर इंटेग्रेटिड सर्किट लेआउट डिजाइन एम्बोडीड इन ए माइक्रोकंट्रोलर-बेस्ड

एम्बेडिड सिस्टम फॉर होम ऑटोमेशन’ है। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में स्मार्ट होम तकनीक तेजी से लोकप्रिय

हो रही है, लेकिन अधिकांश डिजाइनों का फोकस सिर्फ उपकरणों को मोबाइल ऐप से नियंत्रित

करने तक ही सीमित रहता है। इसके विपरीत, इस पेटेंट की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह

न केवल उपयोगकतार्ओं को पूरे विश्व में कहीं से भी अपने उपकरण नियंत्रित करने की सुविधा

देता है, बल्कि इसमें शामिल लोड बैलेंसिंग तकनीक बिजली के बिल को घटाने और तारों में

होने वाले हीटिंग लॉस को लगभग शून्य करने में मदद करती है। यह तकनीक न सिर्फ घरों में

बल्कि उद्योगों में भी ऊर्जा की खपत कम करने और दक्षता बढ़ाने की अपार संभावनाएं रखती

है। अनुमान है कि इसका व्यापक उपयोग कर 5 से10 प्रतिशत तक बिजली की बचत संभव है।

विद्यार्थी विनीत शर्मा ने कहा कि यह हमारी इंजीनियरिंग यात्रा का सबसे यादगार

पड़ाव है। हम दोनों विद्यार्थियों के लिए यह गर्व की बात है कि हमारा काम अब आधिकारिक

रूप से प्रकाशित हो चुका है। यह उपलब्धि हमारे शिक्षकों के बिना संभव नहीं थी। विशेषकर

डॉ. सरदूल सिंह धायल और सुमन दहिया ने हर कदम पर हमारा मार्गदर्शन किया। मैं अपने जूनियर्स

से कहना चाहूंगा कि वे अपनी स्किल्स को निखारें और जब एक अच्छा गुरु मिल जाए तो उस

पर विश्वास करें, क्योंकि गुरु ही आपको किसी भी ऊँचाई तक पहुंचा सकता है।

विद्यार्थी साहिल कुमार ने कहा कि हमारा उद्देश्य सिर्फ एक और होम ऑटोमेशन

सिस्टम बनाना नहीं था। हम यह साबित करना चाहते थे कि बीटेक स्तर पर भी ऐसे नवाचार हो

सकते हैं, जो सीधे तौर पर समाज और उद्योगों के लिए उपयोगी हों। यह पेटेंट हमें आगे

और मेहनत करने और नए प्रयोग करने की प्रेरणा देता है।

(Udaipur Kiran) / राजेश्वर

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