
कोलकाता, 09 जुलाई (Udaipur Kiran) । आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज की डॉक्टर से दुष्कर्म और हत्या के मामले में दोषी करार दिए गए संजय रॉय की बरी करने की अपील पर कलकत्ता हाईकोर्ट 16 जुलाई को सुनवाई करेगा। रॉय को निचली अदालत ने आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई थी।
यह याचिका हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच के समक्ष दाखिल की गई है, जिसमें न्यायमूर्ति देबांशु बसाक और न्यायमूर्ति प्रसेनजीत विश्वास शामिल हैं। संजय रॉय ने दावा किया है कि वह इस जघन्य अपराध में दोषी नहीं है, और उसे बरी किया जाए।
हाईकोर्ट ने रॉय के वकील को निर्देश दिया है कि इस अपील की एक प्रति मामले के सभी संबंधित पक्षों को सौंपी जाए।
उल्लेखनीय है कि इस मामले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपी गई थी। सीबीआई की ओर से पहले ही हाईकोर्ट में एक अपील दाखिल की जा चुकी है, जिसमें ट्रायल कोर्ट द्वारा दी गई सज़ा को अपर्याप्त बताते हुए फांसी की सज़ा की मांग की गई है। हालांकि राज्य सरकार की ओर से दायर अपील को कोर्ट ने स्वीकार नहीं किया।
सीबीआई का कहना है कि सज़ा सुनाए जाने के वक्त उसने ट्रायल कोर्ट से अधिकतम सज़ा यानी मृत्युदंड की मांग की थी, लेकिन अदालत ने संजय रॉय को उसके अंतिम सांस तक जेल में रखने की सज़ा सुनाई।
घटना नौ अगस्त 2024 को घटी थी, जब आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में ड्यूटी पर तैनात एक महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या कर दी गई थी। इस घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। अगले ही दिन कोलकाता पुलिस ने संजय रॉय को गिरफ्तार कर लिया था।
बाद में 13 अगस्त को हाईकोर्ट ने मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी। ट्रायल कोर्ट ने 20 जनवरी 2025 को संजय रॉय को दोषी करार देते हुए उसके प्राकृतिक जीवन के अंत तक जेल में रखने की सज़ा सुनाई थी।
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर
