जम्मू, 14 जुलाई (Udaipur Kiran) । उपमुख्यमंत्री सुरिंदर कुमार चौधरी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेतृत्व और उपराज्यपाल प्रशासन पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए मंत्रियों और जनप्रतिनिधियों को 13 जुलाई, 1931 के शहीदों को श्रद्धांजलि देने से रोकने के लिए उन्हें बंद करने के कदम को लोकतंत्र के लिए खतरा बताया।
चौधरी ने जम्मू में रहते हुए श्रीनगर के गुप्कर रोड स्थित उनके घर को बंद करने के औचित्य पर भी सवाल उठाया। कश्मीर में हमारे नेताओं के घरों पर ताले लगा दिए गए हैं ताकि वे 13 जुलाई के शहीदों से मिलने और उन्हें श्रद्धांजलि देने से बच सकें। सबसे अजीब बात यह है कि मैं जम्मू में हूँ लेकिन गुपकर रोड स्थित मेरे फेयरव्यू स्थित आवास पर भी ताला लगा दिया गया है। इसका क्या औचित्य है मैं जम्मू में बैठा हूँ और आप (पुलिस प्रशासन) वहाँ ताले लगा रहे हैं। यह प्रशासनिक आदेश का बिना सोचे-समझे आँख मूँदकर पालन करने को दर्शाता है। आपने यह नहीं देखा कि कौन कहाँ है और बस लोगों को बंद कर दिया।
इस समय हमारी यही स्थिति है। यह दुखद है। अगर आप उपमुख्यमंत्री, मंत्रियों और जनता के अन्य निर्वाचित प्रतिनिधियों को बंद करने जा रहे हैं तो यह भारत के लोकतंत्र के लिए खतरे के अलावा और कुछ नहीं है। इस सवाल पर गंभीरता से विचार करने की ज़रूरत है ।
यह जम्मू-कश्मीर के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है। 13 जुलाई, 1931 का क्या महत्व है जिन लोगों ने अपनी जान कुर्बान की वे किसी के खिलाफ नहीं थे। वे बस अपने अधिकारों के लिए लड़ रहे थे। वह अंग्रेजों का काल था। देश ब्रिटिश साम्राज्य के अधीन था और हम पर अंग्रेजों का शासन था, यह घटना उसी दौरान हुई
(Udaipur Kiran) / रमेश गुप्ता
