चम्पावत, 30 जुलाई (Udaipur Kiran) । विवाह के तीन माह बाद ही पत्नी को गला घोंट कर मौत के घाट उतारने के मामले में
स्थानीय काेर्ट ने पति को दोषी पाया है। काेर्ट ने पति की मां काे हत्या के आरोपाें से बरी कर दिया है। हत्यारोपित पति निर्वाचन विभाग में लिपिक के पद पर कार्यरत था।
पुलिस केस के अनुसार खेतीखान के डिंग्डवाल गांव निवासी राजेंद्र सिंह बोहरा की पुत्री किरन का विवाह 10 मार्च 2021 को पाटन पाटनी के कुलदीप सिंह बिष्ट के साथ विवाह हुआ था। शादी के 3 माह से भी कम समय में 6 जून को किरन की गला घोंटकर हत्या कर दी गई। पुलिस ने इस मामले में किरण के पति व चम्पावत निर्वाचन विभाग में लिपिक कुलदीप सिंह बिष्ट और उसकी मां हीरा देवी के खिलाफ लोहाघाट थाने में मुकदमा दर्ज किया था। पुलिस ने दाेनाें के खिलाफ आरोप पत्र काेर्ट में पेश किया। लगभग तीन साल तक चली सुनवाई के दाैरान काेर्ट ने दोनों पक्षों के गवाह, तमाम साक्ष्य के परीक्षण के बाद 29 जुलाई को फैसला सुनाया। जिला जज अनुज कुमार संगल ने अपने आदेश में किरण के पति कुलदीप सिंह बिष्ट को दोषी करार दिया। काेर्ट ने कुलदीप की मां हीरा देवी को हत्या के आराेप से बरी कर दिया। अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता डीजीसी विद्याधर जोशी ने बताया कि काेर्ट कुलदीप सिंह काे 3 अगस्त को सजा सुनाएगी।
(Udaipur Kiran) / राजीव मुरारी कुमार सक्सैना