वॉशिंगटन/बरमूडा, 30 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । अमेरिका के राष्ट्रीय हरिकेन केंद्र (एनएचसी) ने जानकारी दी है कि तूफान मेलिसा तेजी से उत्तर-पूर्व दिशा की ओर बढ़ रहा है। गुरुवार की रात तक बरमूडा के उत्तर-पश्चिम से गुजरेगी। इसके शुक्रवार तक कमजोर पड़ने की संभावना जताई गई है।
बरमूडा में प्रशासन ने एहतियाती कदम उठाते हुए गुरुवार रात को कॉजवे बंद करने तथा शुक्रवार को सभी स्कूलों एवं फेरी सेवाओं को स्थगित करने का आदेश दिया है। देश के राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री माइकल वीक्स ने कहा, “हम अपने जीवन पर मंडरा रहे एक और प्राकृतिक खतरे से निपटने के लिए पूरी सतर्कता बरत रहे हैं। मैं सभी नागरिकों से आग्रह करता हूं कि वे सतर्क रहें, सड़कों से दूर रहें और अपने पड़ोसियों का हाल-चाल लेते रहें।”
इससे पहले मंगलवार को जमैका में मेलिसा ने इतिहास का सबसे भयानक तूफान बनकर दस्तक दी। 185 मील प्रति घंटे(लगभग 295 किमी/घंटा) की रफ्तार से चलने वाली हवाओं के साथ यह कैटेगरी-5 हरिकेन के रूप में तट से टकराया, जो अब तक वहां पहुंचा सबसे शक्तिशाली तूफान था।
मोंटेगो बे के एक इलाके में 77 वर्षीय अल्फ्रेड हाइन्स ने बताया कि कैसे उन्होंने अपनी जान बचाई, “एक समय पानी मेरी कमर तक था, फिर कुछ ही मिनटों में यह गर्दन तक पहुंच गया। किसी तरह मैंने वहां से निकलकर अपनी जान बचाई।” उन्होंने आगे कहा “मैं बस चाहता हूं कि यह सब खत्म हो जाए और जीवन फिर से सामान्य हो।”
राजधानी किंग्सटन को बड़े नुकसान से बचा लिया गया, और वहां का मुख्य हवाईअड्डा गुरुवार को फिर से खुलने की उम्मीद है। हालांकि, अमेरिकी मौसम सेवा AccuWeather ने अनुमान लगाया है कि मेलिसा से 22 अरब डॉलर तक का आर्थिक नुकसान हो सकता है, और पुनर्निर्माण में एक दशक या उससे अधिक समय लग सकता है।
विशेषज्ञों के मुताबिक, यह तूफान जलवायु परिवर्तन के कारण तेजी से बढ़ती प्राकृतिक आपदाओं का एक और भयावह उदाहरण है, जिसने कैरिबियाई द्वीपों की नाजुक अर्थव्यवस्थाओं को गहरी चोट पहुंचाई है।
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(Udaipur Kiran) / आकाश कुमार राय