Uttar Pradesh

सैकड़ों किसानों का हल्ला बोल, बिजली संकट पर पैदल मार्च

सैकड़ों किसानों का हल्ला बोल, बिजली संकट पर पैदल मार्च

जिला मुख्यालय की घेराबंदी की चेतावनी

हमीरपुर,20 सितम्बर (Udaipur Kiran) । उत्तर प्रदेश के हमीरपुर में बिजली संकट गहराता जा रहा है और इसी मुद्दे को लेकर किसानों ने अब आर-पार की लड़ाई छेड़ दी है। राठ तहसील के ज़राखर गांव से शनिवार को सैकड़ों किसान पैदल मार्च पर निकल पड़े। रास्ते भर च्च्जय जवान, जय किसान और बिजली दो, खेती बचाओ जैसे गगनभेदी नारे गूंजते रहे। भीड़ जब राठ कस्बे के स्वामी ब्रह्मानंद जी की समाधि स्थल पर पहुंची तो पूरा इलाका किसानों की हुंकार से थर्रा उठा।

किसानों का आरोप है कि बिजली विभाग जानबूझकर किसानों की अनदेखी कर रहा है। जहां खेती के लिए 20 घंटे बिजली आपूर्ति की मांग है, वहां मुश्किल से 6 घंटे ही लाइन मिल रही है। इसका सीधा असर फसल की सिंचाई, ट्यूबवेल संचालन और ग्रामीण जीवन पर पड़ रहा है। कई किसान बताते हैं कि लगातार बिजली संकट से उनकी फसलें सूखने की कगार पर हैं और मजदूरी तथा घरेलू कामकाज पूरी तरह ठप हो गए हैं। आंदोलनकारियों ने साफ ऐलान कर दिया है कि यह पैदल मार्च केवल शुरुआत है। किसान 100 किलोमीटर की दूरी पैदल तय करके 22 सितंबर को जिला मुख्यालय हमीरपुर पहुंचेंगे। वहां वे जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपेंगे और यदि तब भी समाधान नहीं हुआ तो जिला मुख्यालय की घेराबंदी से पीछे नहीं हटेंगे।

स्थानीय प्रशासन की ओर से किसानों को समझाने की कोशिश जरूर की गई। अधिकारियों ने भरोसा दिलाया कि बिजली आपूर्ति को दुरुस्त करने पर काम चल रहा है और उनकी समस्याओं का समाधान जल्द होगा। लेकिन किसानों का कहना है कि वे अब केवल आश्वासन से संतुष्ट नहीं होंगे। किसान नेता निरंजन सिंह राजपूत ने चेतावनी देते हुए कहा, अब हमारी खेती-बाड़ी का सवाल है, खाली भरोसे से पेट नहीं भरता। जब तक 20 घंटे बिजली नहीं मिलेगी, तब तक हमारा संघर्ष जारी रहेगा। इस पैदल यात्रा ने पूरे इलाके में हलचल मचा दी है। ग्रामीण बड़ी संख्या में किसानों से जुड़ते जा रहे हैं और आंदोलन को व्यापक समर्थन मिल रहा है। लोग कह रहे हैं कि यह आवाज़ अब जिले के हर कोने से उठेगी। प्रशासन के लिए यह स्थिति चुनौती बन चुकी है, क्योंकि अगर जल्द ही ठोस कदम नहीं उठाए गए तो आने वाले दिनों में किसान आंदोलन और उग्र रूप ले सकता है। 22 सितंबर को जिला मुख्यालय पर होने वाला यह प्रदर्शन हमीरपुर की राजनीति और प्रशासन दोनों के लिए बड़ी कसौटी माना जा रहा है।

—————

(Udaipur Kiran) / पंकज मिश्रा

Most Popular

To Top