West Bengal

चार साल से बंद पड़ा ग्रामीण पुस्तकालय, धूल फांक रहीं सैकड़ों किताबें

चार साल से बंद पड़ा ग्रामीण पुस्तकालय, धूल फांक रहीं सैकड़ों किताबें

कूचबिहार, 15 जुलाई (Udaipur Kiran) । हल्दीबाड़ी ब्लॉक के देवानगंज बाजार से सटे इलाके में स्थित देवानगंज सामान्य पुस्तकालय बीते चार वर्षों से बंद पड़ा है। पुस्तकालय में रखी गई सैकड़ों किताबें अब धूल फांक रही हैं, जबकि स्थानीय पाठक पढ़ने से वंचित हो रहे हैं। स्थानीय लोगों का आरोप है कि पुस्तकालय में नियुक्त लाइब्रेरियन मौजूद रहते हुए भी नियमित रूप से नहीं आते।

स्थानीय सूत्रों के अनुसार, यह ग्रामीण पुस्तकालय वर्ष 1961 में हल्दीबाड़ी ब्लॉक के देवानगंज ग्राम पंचायत अंतर्गत 16 नंबर जंगलबस इलाके में स्थापित किया गया था। पुस्तकालय में तीन हजार से अधिक पुस्तकें मौजूद हैं।

रिकॉर्ड के अनुसार 240 से अधिक पंजीकृत पाठक हैं। न केवल देवानगंज, बल्कि हेमकुमारी और परमेखलिगंज ग्राम पंचायतों के लोग भी इस पुस्तकालय का उपयोग करते थे। लेकिन वर्ष 2021 से लाइब्रेरियन का पुस्तकालय में आना बंद हो गया, जिससे पुस्तकों की हालत खराब होती जा रही है।

कॉलेज छात्र पप्पू राय पाटवारी ने कहा कि पहले मैं नियमित रूप से पुस्तकालय जाता था, लेकिन अब मजबूरी में मोबाइल पर मैगजीन पढ़ता हूं।

वहीं, नौकरी की तैयारी कर रहे मृणालकांति राय ने बताया कि पुस्तकालय में अब न तो नई किताबें आती हैं और न ही प्रतियोगी परीक्षाओं से जुड़ी किताबें उपलब्ध होती हैं।

देवानगंज पुस्तकालय के लाइब्रेरियन सुभ्रत सरकार ने अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि मैं दो से तीन पुस्तकालयों को संभालता हूं। मेरा घर देवानगंज से लगभग 90 किलोमीटर दूर है, फिर भी कभी-कभी पुस्तकालय में जाता हूं।

इस मामले में कूचबिहार जिला पुस्तकालय अधिकारी शिवनाथ दे ने बताया कि देवानगंज पुस्तकालय के लिए नए भवन का निर्माण कार्य चल रहा है। जैसे ही निर्माण कार्य पूरा होगा, पुस्तकालय फिर से खोला जाएगा। सुभ्रत बाबू कभी-कभी पुस्तकालय में जाते हैं।

स्थानीय लोगों की मांग है कि पुस्तकालय को जल्द से जल्द शुरू किया जाए और नियमित रूप से लाइब्रेरियन की उपस्थिति सुनिश्चित हो ताकि ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थी और पाठक फिर से ज्ञाना

र्जन कर सकें।

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(Udaipur Kiran) / धनंजय पाण्डेय

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