Haryana

मानवाधिकार आयोग ने पंचकूला डीसीपी को किया तलब

-कोर्ट द्वारा जमानत मिलने के बावजूद युवक को दोबारा पकड़ा

चंडीगढ़, 8 अगस्त (Udaipur Kiran) । हरियाणा मानवाधिकार आयोग ने पंचकूला पुलिस पर अवैध हिरासत और जमानत के बावजूद दोबारा गिरफ्तारी करने के आरोप में पंचकूला की पुलिस उपायुक्त को 20 अगस्त को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर पूरे पुलिस रिकार्ड समेत अपना पक्ष रखने के निर्देश जारी किए हैं। यह मामला पिंजौर थाना क्षेत्र से जुड़ा है, जहां एक व्यक्ति प्रवेश को 27 जून को अदालत में पेश किया गया था।

पुलिस ने उसका दो दिन का रिमांड मांगा था, परंतु अदालत ने पुलिस की दलीलों से असहमति जताते हुए आरोपित को जमानत दे दी थी। कोर्ट को यह भी बताया गया कि पुलिस आरोपित के खिलाफ पेश किए गए अवैध हथियार रखने के चालान की कोई तकनीकी पुष्टि नहीं दे सकी। हालांकि जमानत के बावजूद 15 जुलाई को पिंजौर पुलिस ने आरोपित को दोबारा थाने बुलाया और उसे 24 घंटे से अधिक समय तक अवैध रूप से हिरासत में रखा।

आरोप है कि इस दौरान आरोपित को थाने में और थाने से बाहर ले जाकर बुरी तरह प्रताड़ित किया गया। इस मामले को पंचकूला के वकील दीपांशु बंसल ने 16 जुलाई को मानवाधिकार आयोग के सदस्य दीप भाटिया की पीठ में उठाया। आयोग ने पहले ही इस संबंध में पंचकूला पुलिस से रिपोर्ट तलब की थी। 30 जुलाई को पुलिस उपायुक्त आयोग के समक्ष पेश हुए और रिपोर्ट दाखिल की, लेकिन आयोग को उसमें कई बुनियादी खामियां नजर आईं। इसके बाद आयोग ने दोनों पक्षों को सभी जरूरी दस्तावेज प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। छह अगस्त को वकील बंसल ने आयोग के समक्ष अवैध हिरासत के प्रमाण और आपत्तियां पेश की, जिसमें डीसीपी सृष्टि गुप्ता के विरुद्ध गंभीर आरोप लगाए गए। आयोग ने पाया कि पुलिस की कार्रवाई न सिर्फ़ मानवीय अधिकारों का उल्लंघन है, बल्कि सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों की भी अवहेलना की गई है। आयोग ने मामले की गंभीरता को देखते हुए न सिर्फ डीसीपी को तलब किया है, बल्कि आदेश की कापी हरियाणा के पुलिस महानिदेशक को भेजने का आदेश दिया है।

—————

(Udaipur Kiran) शर्मा

Most Popular

To Top