Jharkhand

जल, जंगल और जमीन को बचाने की सबसे बड़ी लड़ाई थी हूल क्रांति : रंजन

सिद्धो-कान्‍हो को श्रद्धांजलि देते युवा राजद के कार्यकर्ता

रांची, 30 जून (Udaipur Kiran) । हूल दिवस के अवसर पर प्रदेश युवा राष्ट्रीय जनता दल ने सोमवार को सिद्धो-कान्हो पार्क, मोरहाबादी में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया। इस अवसर पर सिद्धो-कान्होर, चांद-भैरव, फूलो-झानो जैसे वीर योद्धाओं को माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी गई। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में युवा कार्यकर्ता, पदाधिकारी और सामाजिक कार्यकर्ता शामिल हुए।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि और पार्टी के युवा प्रदेश अध्यक्ष रंजन यादव ने कि यह लड़ाई केवल अंग्रेजों की हुकूमत के खिलाफ नहीं थी, बल्कि यह जल, जंगल और ज़मीन को बचाने की सबसे बड़ी लड़ाई थी। उन्‍होंने कहा कि सिद्धो-कान्हो और फूलो-झानो की यह क्रांति भारत की पहली जनक्रांति थी, जिसने शोषणकारी व्यवस्था को ललकारा।

फूलो और झानो दो बहनें थीं जिन्होंने वर्ष 1855 में हूल आंदोलन के दौरान न केवल अपने समाज का नेतृत्व किया, बल्कि हाथ में कुल्हाड़ी लेकर अत्याचारियों के खिलाफ मोर्चा खोला। उनकी बहादुरी ने यह सिद्ध कर दिया कि यह सिर्फ पुरुषों की लड़ाई नहीं थी, बल्कि आदिवासी महिलाओं ने भी बराबर की भूमिका निभाई।

उन्होंने कहा कि हूल क्रांति भारत का पहला संगठित जनांदोलन था, जो वर्ष 1855 में संथाल समाज की ओर से ब्रिटिश सरकार और महाजनी शोषण के खिलाफ लड़ा गया। यह आंदोलन आज भी आदिवासी अस्मिता, आत्मगौरव और हक-अधिकार की लड़ाई का प्रतीक बना हुआ है।

इस अवसर पर युवा राष्ट्रीय जनता दल ने सिद्धो-कान्हो और फूलो-झानो की क्रांतिकारी विरासत को जन-जन तक पहुंचाने, जल, जंगल, ज़मीन पर आदिवासी अधिकारों की रक्षा के लिए आवाज़ उठाने, सामाजिक न्याय, समता और आत्मसम्मान के संघर्ष में सदैव आगे रहने का संकल्पै लिया गया।

इस मौके पर पार्टी की अनीता यादव, धर्मेंद्र सिंह, रवि जायसवाल, क्षितिज मिश्रा, कमलेश यादव, उज्ज्वल सिंह, आर्यन, डॉ सोनी, जय कुमार सहित कई युवा राजद कार्यकर्ता शामिल रहे।

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(Udaipur Kiran) / Vinod Pathak

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