

अनूपपुर, 28 नवंबर (Udaipur Kiran) । आईएएस संतोष वर्मा के विवादित बयान का विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है। आपत्तिजनक बयान ने पूरे ब्राह्मण समाज में आक्रोश की लहर पैदा कर दी है। शुक्रवार को मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिले में ब्राह्मण समाज ने अलग-अलग स्थानों पर अपने ढग से विरोध जताया। जिला मुख्यागलय अनूपपुर में ब्राह्मण समाज सेवा समिति ने संतोष वर्मा के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही की मांग को लेकर मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव के नाम कलेक्टर हर्षल पंचोली को ज्ञापन सौपा। वहीं विप्र समाज अनूपपुर एवं एकीकृत ब्राह्मण समाज ने बैठक में 2 दिसंबर विशाल सभा कर निंदा प्रस्ताव पारित करने की बात कहीं। अनूपपुर अजाक्स संघ के स्थानीय नेताओं के निवास का शांतिपूर्ण घेराव, संतोष वर्मा का पुतला दहन किया जाएगा। कोतमा में ब्राह्मण एकता संघ के नेतृत्व में संतोष वर्मा का पुतला दहन किया गया और थाना प्रभारी को ज्ञापन सौंपकर कड़ी कार्रवाई व नौकरी से निष्कासन की मांग सरकार से की हैं।
आईएएस संतोष वर्मा के अभद्र बयान पर भारी विरोध,सौंपा ज्ञापन
कोतमा नगर में भी ब्राह्मण समाज में विशाल संख्या के साथ कोतमा थाने पहुंचकर संतोष वर्मा के खिलाफ एफआईआर की मांग की एवं कड़ी प्रक्रिया जारी करते हुए ब्राह्मण समाज के द्वारा यह कहा गया है कि इस तरीके की बयान बाजी समाज में विद्वेष फैलाने एवं सामाजिक सौहार्द की भावना को बिगड़ने का जानबूझकर लोक सेवा आयोग का अधिकारी के द्वारा इस तरह के वक्तव्य जारी किए गए हैं जो की समाज में पूरी तरीके से इस तरीके के बयान अस्वीकार हैं। आईएएस अधिकारी संतोष वर्मा को तत्काल बर्खास्त कर उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए। एवं ऐसे अधिकारी को पद मुक्त कर जेल में डाला जाए जिससे इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति ना हो एवं समाज में जहर घोलने का कार्य ऐसे अधिकारी को अशोभनीय है जिसके कारण जिले भर के संपूर्ण ब्राह्मण समाज में रोष एवं आक्रोश व्याप्त है। अधिकारी के बयान को नारी सम्मान और सामाजिक समरसता पर सीधा आघात बताया गया है।
समाज के लोगों ने अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए जोरदार विरोध प्रदर्शन किया और कहा कि ऐसे अमर्यादित बयान देने वाले अधिकारी को उच्च पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है।
ज्ञात हो कि सामान्य प्रशासन विभाग (GAD) ने आईएएस संतोष वर्मा को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। इस टिप्पणी को अखिल भारतीय सेवा (आचरण) नियमावली का गंभीर उल्लंघन माना गया है। वहीं विवाद बढ़ने पर अधिकारी संतोष वर्मा ने अपने बयान पर खेद व्यक्त करते हुए माफी भी मांगी है। हालांकि, ब्राह्मण समाज ने उनकी माफी को अस्वीकार करते हुए अपनी कार्रवाई की मांग पर अडिग रहने का फैसला किया है। इस घटना ने एक बार फिर सार्वजनिक सेवकों के आचरण और सामाजिक न्याय से जुड़े संवेदनशील मुद्दों पर चल रही बहस को गरमा दिया है। जिला प्रशासन ने समाज के प्रतिनिधियों से ज्ञापन लेकर उच्चाधिकारियों को भेज दिया है।
(Udaipur Kiran) / राजेश शुक्ला