शिमला, 10 जुलाई (Udaipur Kiran) । हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के थुनाग क्षेत्र में हाल ही में आई प्राकृतिक आपदा ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। भारी बारिश और बादल फटने की घटनाओं से हुए नुकसान के चलते यहां संचालित डॉ. वाईएस परमार हॉर्टिकल्चर और फॉरेस्ट्री कॉलेज की इमारत को भी बड़ा नुकसान हुआ है। हालांकि कॉलेज में पढ़ रहे लगभग 300 छात्र समय रहते सुरक्षित बाहर निकाल लिए गए।
मौजूदा हालातों और छात्रों की सुरक्षा को देखते हुए प्रदेश सरकार ने फिलहाल कॉलेज को थुनाग से सुंदरनगर शिफ्ट करने का निर्णय लिया है। प्रदेश के राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने गुरूवार को शिमला में बताया कि थुनाग में कॉलेज की कक्षाएं चलाना अभी संभव नहीं है इसलिए इसे सुंदरनगर में अस्थायी रूप से स्थानांतरित किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय ने 14 जुलाई तक छुट्टियां घोषित की हैं, लेकिन नए सत्र में दाखिलों पर असर न पड़े, इसे ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया गया है। छात्रों ने भी सरकार से कॉलेज को सुरक्षित जगह पर शिफ्ट करने की मांग की थी।
राजस्व मंत्री ने कहा कि 2023 की आपदा में हिमाचल को लगभग 10 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था, लेकिन इसके बदले प्रदेश को पोस्ट डिजास्टर नीड्स असेसमेंट के तहत केवल 2006 करोड़ रुपये ही मिले हैं, वह भी शर्तों के साथ औऱ इसमें 25 प्रतिशत राशि हिमाचल सरकार को खुद जमा करनी है। उन्होंने आरोप लगाया कि इस राशि के वितरण में भी केंद्र सरकार की ओर से देरी की जा रही है।
उन्होंने बताया कि अब भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने भी मंडी और थुनाग का दौरा कर यह माना कि प्रदेश में नुकसान बहुत बड़ा हुआ है लेकिन सवाल उठाया कि फिर भी हिमाचल को उचित सहायता क्यों नहीं मिल रही।
जगत सिंह नेगी ने पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर पर भी निशाना साधते हुए कहा कि जब 2023 में भीषण आपदा आई थी तब उन्हें प्रदेश की तकलीफ का अहसास नहीं हुआ। लेकिन अब जब उनके अपने निर्वाचन क्षेत्र में तबाही हुई है तो वे दिल्ली जाकर मदद मांगने की बात कर रहे हैं। नेगी ने कहा कि सरकार का पहला फर्ज छात्रों की सुरक्षा और पढ़ाई जारी रखना है इसलिए थुनाग कॉलेज को सुंदरनगर स्थानांतरित करने का फैसला जरूरी था।
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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा
