Madhya Pradesh

अशोकनगर: मंदसौर मिल भूमि, माफियाओं से बचने की जागी उम्मीद, मिला अहम दस्तावेज

अशोकनगर: मंदसौर मिल भूमि, माफियाओं से बचने की जागी उम्मीद, मिला अहम दस्तावेज

अशोकनगर, 10 नम्बर (Udaipur Kiran) । मध्य प्रदेश के अशोकनगर में शहर की बेशकीमती मंदसौर मिल भूमि मामला समय-समय पर चर्चाओं में रहा है। जिसे शासन हित में बचाने नगर विकास समिति सतत संघर्षशील रही है।

शहर की बेशकीमती भूमि माफियाओं के चंगुल से मुक्त होने की अब एक बढ़ी उम्मीद जागी है। प्रशासनिक स्तर पर मिली जानकारी के मुताबिक प्रशासन को उक्त भूमि के संबंध में 1967 का एक अहम दस्तावेज मिल गया है जिस से ये सिद्ध होता है कि भूमि जिनिंग मिल लगाने के लिए दी गई थी।

उल्लेखनीय हो कि उक्त भूमि के मामले में उच्च न्यायलय में प्रकरण क्र. 2269/2009 में प्रशासन ने पर्याप्त दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किये थे और शासन अपना पक्ष सही तरीके से नहीं रख पाया था। उक्त मामले में नगर विकास समिति के द्वारा कलेक्टर आदित्य सिंह से उच्च न्यायालय की डबल बैंच में अपील प्रस्तुत करने आग्रह किया गया था।

उक्त मामले में कलेक्टर आदित्य सिंह के निर्देश पर सभी दस्तावेज एकत्रित कर उच्च न्यायालय की डबल बैंच में अपील प्रस्तुत की गई। जिसमें 1967 का एक वह अहम दस्तावेज भी शामिल हैं जिसमेें सिद्ध होता है कि भूमि जिनिंग मिल लगाने के लिए दी गई थी। शहर के चर्चित मंदसौर मिल भूमि मामले की आगामी सुनवाई 17 नम्बर को उच्च न्यायालय की डबल बैंच में जीएस अहलुवालिया की अदालत में होना है।

दर असल शहर की बेशकीमती भूमि 1929 में मंदसौर के सेठ मुरलीधर दास को उद्योग लगाने हेतु करीब 27 बीघा जमीन लीज पर दी गई थी। लेकिन पिछले 94 सालों में वहां कभी कोई उद्योग नहीं लगा, ना ही किसी प्रकार की कोई कृषि उपज निकाली गई। उक्त भूमि को बचाने के लिए पिछले करीब 63 वर्षों से उस भूमि को शासन में वेष्ठित कराने हेतु जनप्रतिनिधि एवं समाजसेवी, नगर विकास समिति जिला प्रशासन के माध्यम से प्रयासरत हैं।

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(Udaipur Kiran) / देवेन्द्र ताम्रकार