
-एकीकृत मधुमक्खी पालन विकास केंद्र में की जाएगी शहद बिक्री की व्यवस्था -20 करोड़ रुपये की लागत से गुणवत्ता नियंत्रण प्रयोगशाला होगी स्थापित
चंडीगढ़, 16 अगस्त (Udaipur Kiran) । हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने किसानों के हित में बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि बागवानी फसलों की तर्ज पर शहद को भी भावांतर भरपाई योजना में शामिल किया जाएगा। साथ ही, रामनगर स्थित एकीकृत मधुमक्खी पालन विकास केंद्र में शहद की बिक्री की व्यवस्था की जाएगी। वहीं पर भंडारण और गुणवत्ता जांच की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी। जल्द ही 20 करोड़ रुपये की लागत से गुणवत्ता नियंत्रण प्रयोगशाला स्थापित की जाएगी। इसके अलावा, रामनगर संस्थान को राष्ट्रीय स्तर का संस्थान बनाया जाएगा, जहां मधुमक्खी पालन से संबंधित उन्नत एवं वैज्ञानिक अनुसंधान किए जा सकेंगे।
मुख्यमंत्री शनिवार को कुरुक्षेत्र में आयोजित मधुमक्खी पालन पर राज्य स्तरीय कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मधुमक्खी पालन किसानों के लिए अतिरिक्त आमदनी का एक बड़ा साधन है और इससे फसलों की पैदावार भी बढ़ती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘स्वीट क्रांति’ के आह्वान को साकार करने के लिए हरियाणा तेजी से कदम बढ़ा रहा है।
नायब सिंह सैनी ने कहा कि कुरुक्षेत्र के रामनगर में इजरायल के सहयोग से देश का पहला एकीकृत मधुमक्खी पालन विकास केंद्र स्थापित किया गया है, जहां किसानों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। यहां शहद व्यापार केंद्र भी है, जिसके माध्यम से अब तक 74 हजार बक्से और 3 लाख 43 हजार कॉम्ब शीट दी जा चुकी हैं। इस केंद्र में शहद का प्रसंस्करण और बॉटलिंग की भी सुविधा है। प्रदेश सरकार ने ‘मधुमक्खी पालन नीति-2021’ बनाई है, जिसके तहत वर्ष 2030 तक 7750 मधुमक्खी पालक तैयार करने और 15,500 मीट्रिक टन शहद उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। मधुमक्खी के बक्सों, कॉलोनियों और उपकरणों पर 85 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जा रही है।
उन्होंने कहा कि मधुमक्खी पालन के साथ बागवानी को कृषि विविधीकरण का प्रमुख स्तंभ बनाया गया है। वर्ष 2014 में राज्य में बागवानी का क्षेत्रफल 1.17 लाख एकड़ था, जो अब बढ़कर 2.60 लाख एकड़ हो गया है। एफपीओ, उत्कृष्टता केंद्र, भावांतर भरपाई योजना और फसल खरीद के जरिए किसानों को मजबूत किया गया है।
इस अवसर पर कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्याम सिंह राणा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में किसानों की आमदनी बढ़ाने के निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए किसानों का सशक्त होना सबसे पहली आवश्यकता है। इसी दिशा में फसलों के साथ-साथ डेयरी, पशुपालन, मधुमक्खी पालन और मत्स्य पालन जैसे क्षेत्रों को भी बढ़ावा दिया जा रहा है, जिससे किसानों की आय में लगातार वृद्धि हो रही है। उन्होंने कहा कि जिस देश में कृषि का विकास, वैज्ञानिक दृष्टिकोण और मजबूत सुरक्षा व्यवस्था हो, उसे आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता।
—————
(Udaipur Kiran) शर्मा
