ऊना, 12 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । आज़ादी के 78 वर्षों बाद भी होमगार्ड्स को हक दिलाने का तंत्र नहीं बना है। जो देश और प्रदेश के होमगार्ड जवानों के हितों की रक्षा कर सके। यह बात जोगिंदर सिंह चौगढ़िया राज्य अध्यक्ष, होमगार्ड वेलफेयर एसोसिएशन हिमाचल प्रदेश ने जारी प्रेस व्यक्तव्य जारी कर कही । उन्होंने कहा कि देश के लोकतंत्र के चारों स्तंभ भी उपेक्षित वर्ग को लंबे अरसे न्याय नहीं दिला पाए । विभागीय अधिकारियों से लेकर जिला एवं राज्य प्रशासन तक, और जिला, राज्य व केंद्र की मीडिया तथा सरकारों तक सभी ने इस संगठन की निरंतर उपेक्षा की है। परिणामस्वरूप, वह होमगार्ड जवान जिसने आज़ादी की लड़ाई में आज़ाद हिंद फौज के साथ कंधे से कंधा मिलाकर अपने प्राणों का बलिदान दिया, आज स्वतंत्र भारत में ही शोषण और उपेक्षा का शिकार बना हुआ है।
जोगिंदर सिंह ने कहा कि देश के इन चारों स्तंभों ने आज़ादी के बाद अपने लिए अनेकों सुधार और सुविधाएँ सुनिश्चित कीं, किंतु आज भी होमगार्ड जवान को न तो स्थायी दर्जा प्राप्त है, न नियमित वेतनमान, और न ही संविधान द्वारा प्रदत्त समान अधिकार दिए गए है । न्याय मिलने में देर होना भी एक प्रकार का अन्याय है।
इस अन्याय से बचने के लिए तारीख पर तारीख की प्रवृत्ति को रोकना होगा। आज होमगार्ड जवान अपनी मेहनत की कमाई, यहाँ तक कि अपनी संपत्ति बेचकर भी न्याय पाने के लिए दर-दर भटकने को विवश हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य एवं केंद्र सरकार, न्यायपालिका, मीडिया और प्रशासन सभी मिलकर इस संगठन पर भी स्वतंत्र भारत का संविधान समान रूप से लागू करें, ताकि होमगार्ड जवानों को अन्य सरकारी कर्मचारियों एवं अर्द्धसैनिक बलों के समान संवैधानिक अधिकार, वेतनमान और सामाजिक सुरक्षा प्राप्त हो सके।
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(Udaipur Kiran) / विकास कौंडल
