
नई दिल्ली, 12 अगस्त (Udaipur Kiran) । हॉकी इंडिया ने संसद में राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक के ऐतिहासिक पारित होने की हार्दिक सराहना की है, जो भारत में खेल प्रशासन और भविष्य के लिए एक नए युग की शुरुआत करता है। यह ऐतिहासिक कानून देश का पहला एकीकृत और व्यापक खेल प्रशासन ढांचा है, जो दशकों से चली आ रही सुधारों की मांग को साकार करता है। पिछले एक दशक से, 2011 से शुरू होकर इस तरह के मजबूत कानून को स्थापित करने के प्रयास जारी थे। विभिन्न प्रयासों और मसौदों के बावजूद, इस तरह का कोई विधेयक न तो संसद तक पहुंचा और न ही स्वीकृति प्राप्त कर सका, लेकिन अब यह संभव हो सका है।
हॉकी इंडिया के अध्यक्ष डॉ. दिलीप तिर्की ने विधेयक के पारित होने को भारतीय खेलों में एक ऐतिहासिक क्षण बताया। उन्होंने कहा, यह वास्तव में एक ऐतिहासिक दिन है। पहली बार, भारत का खेल जगत एक स्पष्ट, एथलीट-केंद्रित और पारदर्शी कानूनी ढांचे से मजबूत हुआ है। यह सुधार एथलीटों और सभी हितधारकों में नया आत्मविश्वास जगाएगा, जो वैश्विक मानकों के अनुरूप एक शासन मॉडल बनाएगा। हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और खेल मंत्री मनसुख मांडविया के अटूट दृष्टिकोण के नेतृत्व में, भारतीय खेल अब उच्चतम अंतरराष्ट्रीय मंच पर उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए तैयार हैं।
हॉकी इंडिया के महासचिव भोला नाथ सिंह ने कहा, इस विधेयक के पीछे का दृष्टिकोण पूरी तरह से परिवर्तनकारी है। यह गारंटी देता है कि सभी खेल संस्थाएं अखंडता, स्पष्टता और निष्पक्षता के साथ काम करें, और एथलीटों को औपचारिक प्रतिनिधित्व और वास्तविक सुरक्षा मिले। सभी खेल संगठनों को सूचना का अधिकार अधिनियम के दायरे में लाना और अंतरराष्ट्रीय डोपिंग-रोधी और नैतिक मानकों का पालन सुनिश्चित करना भारतीय खेलों की विश्व मंच पर प्रतिष्ठा को सुरक्षित करेगा।
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(Udaipur Kiran) दुबे
