CRIME

झांसी पुलिस मुठभेड़ में हिस्ट्रीशीटर रवि घोड़ा घायल

घायल रवि घोड़ा पुलिस गिरफ्त में
जानकारी देते एसपी सिटी

-महिला प्रधानाचार्य की गला दबाकर हत्या का किया था प्रयास, 13 मुकदमे हैं दर्ज

झांसी, 7 अगस्त (Udaipur Kiran) । उत्तर प्रदेश के झांसी जिले के थाना सदर बाजार सिमराहा के जंगल में बुधवार देर रात महिला प्रधानाध्यापक पर तमंचा तानकर गला दबाने वाले हिस्ट्रीशीटर और स्वाट व सदर बाजार पुलिस की संयुक्त टीम के बीच मुठभेड़ हो गई। मुठभेड़ के दौरान पुलिस की गोली से वांछित शातिर रवि उर्फ घोड़ा के पैर में गोली लगने से वह घायल हो गया। उसे उपचार के लिए मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है।

रवि अहिरवार उर्फ घोड़ा 5 माह पहले ही जेल से छूटा था। उसने पहले दो महिलाओं की झोपड़ी में आग लगा दी थी। 12 दिन पहले सरकारी स्कूल में घुसकर महिला प्रधानाध्यपक की गला दबाकर हत्या करने की कोशिश की थी। तब से पुलिस उसकी तलाश कर रही थी। देर रात मुखबिर की सूचना पर वह मुठभेड़ में पकड़ा गया।

एसपी सिटी ज्ञानेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि 25 जुलाई को खिरकपट्टी के प्राथमिक विद्यालय में प्रधानाध्यापक भगवती सिंह पढ़ा रही थीं। तभी स्कूल में घुसकर खिरकपट्टी निवासी रवि अहिरवार उर्फ घोड़ा ने भगवती का गला दबाकर मारने की कोशिश की थी। तभी से पुलिस घोड़ा की तलाश कर रही थी। उन्हाेंने बताया कि सूचना मिली थी कि रवि बिना नंबर की बाइक लेकर हंसारी से जंगल के कच्चे रास्ते से होकर सिमराहा गांव जा रहा है। इस पर स्वाट टीम प्रभारी जितेंद्र सिंह और सदर थानाध्यक्ष प्रकाश सिंह ने टीम के साथ सिमराहा जंगल में घेराबंदी की। खुद को घिरता देख आरोपित ने पुलिस पर 3 गोली चलाई। काउंटर अटैक में रवि के पैर में गोली लगी है। उन्होंने बताया कि भट्टागांव की रहने वाली भगवती सिंह ने पुलिस को शिकायत की थी कि 25 जुलाई की दोपहर करीब 1:15 बजे मैं कक्षा-1 के बच्चों को पढ़ा रही थीं। तभी एक नकाबपोश बदमाश ने स्कूल में आकर जान से मारने की नियत से उनका गला दबाया था।

घोड़ा पर हैं 13 मुकदमें

आरोपित रवि सदर थाने का हिस्ट्रीशीटर है। उसके ऊपर हत्या, लूट समेत अन्य धाराओं में 13 मुकदमें दर्ज हैं। उसे हत्या के केस में सजा भी हो चुकी है। एनडीपीएस (नशीला पदार्थ की तस्करी) में 5 माह पहले ही वो जेल से छूटकर आया है। बाहर आने के बाद वह फिर से वारदात करने लगा था। आरोपित सनकी है। पुलिस को मुखबिरी देने के शक में किसी पर भी तमंचा तान देता था।

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(Udaipur Kiran) / महेश पटैरिया

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