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हिस्ट्रीशीटर वीरेंद्र सिंह तोमर और पत्नी शुभ्रा तोमर ने छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने लगाई रिट याचिका

उच्च न्यायालय छत्तीसगढ़

बिलासपुर, 9 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) ।सूदखोरी और अन्य आपराधिक मामलों में अभियुक्त रायपुर के तोमर बंधुओं की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई चल रही है। इस बीच वीरेंद्र सिंह तोमर और पत्नी शुभ्रा सिंह तोमर ने उच्च न्यायालय छत्तीसगढ़ में न्यायिक राहत के लिए एक रिट याचिका लगाई है। जिसपर बुधवार को मुख्य न्यायाधीश रमेश कुमार सिन्हा की डिवीजन बैंच में सुनवाई हुई। जिसपर न्यायालय ने राज्य शासन की तरफ से पक्ष रख रहे वकील को जवाब दाखिल करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया जाता है और उसके बाद, याचिकाकर्ता के वकील को प्रतिउत्तर, यदि कोई हो, दाखिल करने के लिए एक सप्ताह का अतिरिक्त समय दिया है।

वहीं न्यायालय के आदेश में कहा गया है कि याचिकाकर्ताओं की ओर से उपस्थित वरिष्ठ अधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा ने प्रस्तुत किया कि याचिकाकर्ता संख्या 2 वीरेंद्र सिंह तोमर की ओर से उचित वकालतनामा पहले ही दायर किया जा चुका है और इसलिए याचिकाकर्ता संख्या 2 के वकालतनामा दायर करने से छूट के लिए आवेदन पर जोर नहीं देना चाहते हैं। कोर्ट ने इसलिए इसे खारिज किया है।

दरअसल हिस्ट्रीशीटर वीरेंद्र और उसके भाई ने कई आपराधिक घटनाओं को अंजाम देने और सूदखोरी व अवैध वसूली करके करोड़ों की संपत्ति बना ली है। इसकी बड़ी वजह नेताओं और अफसरों से उनकी घनिष्ठता भी है। वर्ष 2019 में भी सूदखोर वीरेंद्र, उसके भाई रोहित और उसके अन्य साथियों के खिलाफ कोतवाली व पुरानी बस्ती थाने में बड़ी कार्रवाई हुई थी। आरोपित वीरेंद्र और उसके भाई रोहित सिंह तोमर, भतीजा दिव्यांश सिंह तोमर और अन्य सहयोगियों के खिलाफ तेलीबांधा और पुरानीबस्ती थाना में आर्स एक्ट, कर्ज एक्ट, वसूली और संगठित अपराध का मामला दर्ज किया है।

बता दें इस बार वीरेंद्र सिंह तोमर और उसके भाई के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर संपत्ति कुर्की की कार्रवाई से बवाल मचा हुआ है। वहीं वीरेंद्र सिंह तोमर, रोहित सिंह तोमर और अन्य ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से अग्रिम जमानत याचिका दायर की है। तोमर भाइयों को सरेंडर करने सेशन कोर्ट ने 18 अगस्त तक उद्घोषणा जारी की थी। लेकिन उद्घोषणा के पहले तोमर बन्धुओं ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया लेकिन अब तक राहत नहीं मिली है। पुलिस तथा क्राइम ब्रांच की टीम फरार सूदखोर तोमर भाइयों की पतासाजी करने अब भी जुटी हुई है, लेकिन अब तक दोनों पकड़ से बाहर हैं।

(Udaipur Kiran) / Upendra Tripathi

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