
जयपुर, 15 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विकसित भारत /2047 के राष्ट्रीय संकल्प को साकार करने की दिशा में राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में “विकसित राजस्थान /2047” विज़न डॉक्यूमेंट तैयार किया है। राज्य सरकार ने प्रदेश के दूरदर्शी विकास की संकल्पना को समर्पित इस विजन डॉक्यूमेंट की कार्य योजना तैयार करने के साथ ही प्रदेश के सर्वांगीण विकास के लक्ष्य की ओर बड़ा कदम बढ़ाया है। गरीब, युवा, महिला और किसानों के सशक्तीकरण को केन्द्र में रखते हुए यह दस्तावेज समावेशी विकास की भावना को साकार करने की दिशा में राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
राज्य सरकार के इस विज़न डॉक्यूमेंट का उद्देश्य है कि वर्ष 2047 तक राजस्थान एक ऐसे अग्रणी राज्य के रूप में स्थापित हो, जो समावेशी और सतत विकास, विश्वस्तरीय अवसंरचना, पर्यावरण संरक्षण, पारदर्शी शासन और नागरिक सशक्तीकरण के आधार पर नए भारत के निर्माण में भागीदारी निभाए। यह डॉक्यूमेंट राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और प्रदेश के नागरिकों की आकांक्षाओं के अनुरूप तैयार किया गया है।
इसके अन्तर्गत विस्तृत कार्य योजना के माध्यम से प्रदेश में शिक्षा, स्वास्थ्य, जल प्रबंधन, शहरी विकास, पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक व आर्थिक सशक्तीकरण की दिशा में विकास के लिए लक्ष्य तय किये गए हैं। इनके अनुरूप प्रदेश में शत-प्रतिशत साक्षरता, कौशल आधारित शिक्षा, सुलभ एवं आधुनिक स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार, जलवायु अनुकूल-जल प्रबंधन, स्मार्ट शहरीकरण और किफायती आवास सुनिश्चित किए जाएंगें। साथ ही, महिलाओं और युवाओं को कौशल, उद्यमिता एवं नेतृत्व के अवसर प्रदान कर उनकी राज्य के विकास यात्रा में भागीदारी भी सुनिश्चित की जाएगी।
यह विजन चार प्रमुख थीम और 13 सेक्टर्स पर आधारित है। पहली थीम जनकल्याण और सामाजिक सशक्तीकरण है, जिसमें कृषि-खाद्य प्रणाली, स्वास्थ्य, शिक्षा और सामाजिक समावेशन जैसे आयाम शामिल हैं। दूसरी थीम त्वरित विकास, समृद्धि और रोजगार सृजन पर केंद्रित है, जिसके अंतर्गत औद्योगिक, खनन और पर्यटन क्षेत्रों में नई संभावनाएं विकसित की जा रही हैं। तीसरी थीम भविष्य उन्मुख राजस्थान की है, जिसमें आधारभूत अवसंरचना, जल सुरक्षा, पर्यावरणीय स्थायित्व और जलवायु अनुकूलता को प्राथमिकता दी गई है। चौथी थीम संवर्धक नीति, वित्त और शासन की है, जो ग्रामीण व शहरी विकास, प्रभावी शासन, डिजिटल सेवाओं और वित्तीय प्रबंधन को मजबूत करने पर केंद्रित है।
राज्य सरकार ने वर्ष 2047 तक 4.3 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस विजन डॉक्यूमेंट में वर्ष 2047 तक कृषि क्षेत्र में जलवायु अनुकूल और तकनीक आधारित खेती के माध्यम से उत्पादकता में 40 प्रतिशत वृद्धि का लक्ष्य रखा गया है। हर नागरिक को स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच में लाने, मातृ मृत्यु दर को 15 तक लाने, शिशु मृत्यु दर को प्रति हजार जीवित जन्मों पर 10 से कम करने और जीवन प्रत्याशा को 77 वर्ष तक पहुंचाने की योजना बनाई गई है। विजन डॉक्यूमेन्ट के अनुसार औद्योगिक विकास के माध्यम से राज्य में एक करोड़ से अधिक प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित होंगे।
शिक्षा एवं ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था के विकास के लिए कौशल आधारित शिक्षा प्रणाली लागू करने, कम्प्यूटर युक्त स्मार्ट विद्यालयों की स्थापना तथा 2047 तक शत-प्रतिशत स्कूली नामांकन का लक्ष्य निर्धारित भी किया गया है। महिला सशक्तीकरण के क्षेत्र में महिलाओं की कार्यबल भागीदारी 60 प्रतिशत से अधिक करने का संकल्प लिया गया है। राज्य सरकार द्वारा निर्यात को भी पांच गुना बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है।
विजन डॉक्यूमेंट में राज्य सरकार द्वारा ऊर्जा क्षेत्र में राज्य को आत्मनिर्भर बनाने के लिए नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन को 33 गीगावाट से बढ़ाकर 290 गीगावाट करने की योजना बनाई गई है। इसके साथ ही विद्युत आपूर्ति को 24ग्7 करने का भी लक्ष्य रखा गया है। पर्यावरण संरक्षण के लिए राज्य को कार्बन तटस्थ बनाने और जैव विविधता संरक्षण को नीति के केंद्र में रखा गया है। राज्य सरकार का विजन है कि प्रत्येक नागरिक को स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित हो।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के मार्गदर्शन में तैयार यह विज़न डॉक्यूमेंट राजस्थान इंस्टीट्यूट फॉर ट्रांसफॉर्मेशन एंड इनोवेशन द्वारा नीति आयोग के दिशा-निर्देशों के अनुरूप तैयार किया गया है, जिसे राज्य मंत्रिमंडल ने 23 अगस्त, 2025 को अनुमोदित किया। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने 13 अक्टूबर को विकसित राजस्थान /2047 की कार्ययोजना विमोचन किया।
इस दस्तावेज को राज्य, संभाग और जिला स्तर पर 1156 बैठकों के माध्यम से सुझाव प्राप्त कर तैयार किया गया है। विभिन्न स्तरों पर हितधारकों, विषय विशेषज्ञों, विभागीय अधिकारियों से गहन चर्चा तथा आमजन से प्राप्त सुझावों के आधार पर वर्ष 2030, 2035, 2040 और 2047 के लक्ष्य तय किए गए हैं।
विजन के सफल क्रियान्वयन की दृष्टि से मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय स्टीयरिंग कमेटी बनाई गई है। साथ ही, 45 विभागों को 13 सेक्टरों में विभाजित करते हुए नोडल विभाग नामित किए गए हैं तथा विभागीय स्तर पर परियोजना प्रबंधन इकाइयां भी (च्डन्) स्थापित की गई हैं।
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(Udaipur Kiran)
