


अंबिकापुर/एमसीबी, 10 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर(एमसीबी) जिला की माटी अपने भीतर परिश्रम, परंपरा और प्रकृति के प्रति गहरी आस्था को संजोए हुए है। यहाँ की धरती ने हमेशा समाज को यह सिखाया है कि विकास केवल योजनाओं से नहीं, बल्कि समाज की चेतना और सहभागिता से संभव होता है। यहाँ के जनजातीय समाज ने सदियों से इस धरती को अपनी मेहनत, संस्कृति और आत्मगौरव से जीवंत बनाए रखा है। इन्हीं जनजातीय समाज को शासन की योजनाओं से जोड़ने, आत्मनिर्भरता की राह पर ले जाने और विकास की मुख्यधारा में सहभागी बनाने “आदि कर्मयोगी अभियान” की शुरुआत किया गया।
जिला प्रशासन ने आज जानकारी दी है कि छत्तीसगढ़ का मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिला “आदि कर्मयोगी अभियान” के क्रियान्वयन से एक मॉडल जिला बन गया है। जिला प्रशासन, जनपद पंचायत, ग्राम पंचायत और जनजातीय समुदाय ने मिलकर “सेवा से स्वावलंबन” की दिशा में ठोस कार्य किया है। इस जिले की संरचना और आंकड़े बताते हैं कि किस व्यापक दृष्टिकोण से यह अभियान यहाँ लागू हुआ है। विकासखंड मनेन्द्रगढ़ में कुल 54 ग्राम हैं जिनमें 8,421 परिवार निवास करते हैं और यहॉ की कुल जनसंख्या 37,093 है। वहीं विकासखंड खड़गवां में 42 ग्राम है, जिसमें 9,153 परिवार निवास करते हैं और यहां की कुल जनसंख्या 42,332 है। वहीं भरतपुर विकासखंड में 55 ग्रामों में 8,981 परिवार निवास करते है, और कुल जनसंख्या 34,453 निवासरत है। इन तीनों विकासखंडों का कुल योग 151 ग्राम में 26,555 परिवार निवास करते है, वहीं 1,13,878 की जनसंख्या का प्रतिनिधित्व करता है। जिसे “आदि कर्मयोगी अभियान” ने विकास के केंद्र में रखा है।
आदि सेवा केन्द्र से शासन की सभी योजनाएं सीधे गाँव तक पहुँच रही
एमसीबी जिले में इस अभियान की सबसे महत्वपूर्ण उपलब्धि है कि हर चिन्हांकित बसाहट में “आदि सेवा केन्द्र” की स्थापना की गई है जिले की 151 ग्राम बसाहटों में 151 केन्द्र स्थापित और संचालित किए जा चुके हैं। इन केन्द्रों के माध्यम से शासन की सभी योजनाएँ सीधे गाँव तक पहुँच रही हैं। प्रत्येक केन्द्र में स्थानीय समुदाय के ही “आदि साथियों” द्वारा संचालित किया जा रहा है, जो सरकार और समाज के बीच जनभागीदारी निभा रहे हैं। इन केन्द्रों में स्वास्थ्य, शिक्षा, आजीविका, स्वच्छता, महिला सशक्तिकरण, डिजिटल साक्षरता और सामाजिक कल्याण से जुड़ी सेवाएँ उपलब्ध हैं। जिले में कुल 2686 “आदि साथी” और 473 “आदि सहयोगी” नियुक्त किए गए हैं, जो अपने ग्रामों में विकास की धारा प्रवाहित कर रहे हैं।
ग्राम कार्य योजना से तैयार होगा विकास का जमीनी खाका
एमसीबी जिले के सभी 151 चिन्हित ग्रामों के योजना तैयार किए जा चुके हैं, और उन्हें पोर्टल पर अपलोड कर दिया गया है। यह प्रक्रिया प्रशासनिक पारदर्शिता और जन सहभागिता का अद्भुत उदाहरण है। इन में शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल, सड़क, स्वच्छता, कृषि, महिला सशक्तिकरण, आजीविका, पोषण, वन उत्पाद मूल्यवर्धन, पषुपालन, पर्यटन और डिजिटल साक्षरता जैसे क्षेत्रों को प्राथमिकता दी गई है।
प्रशासनिक प्रतिबद्धता और विभागीय समन्वय से गढ़ी जायेगी विकास की नई परिभाषा
एमसीबी जिले में इस अभियान का प्रशासनिक संचालन अत्यंत संगठित ढंग से किया जा रहा है। विभिन्न विभागों के समन्वित प्रयासों से यह सुनिश्चित किया गया है कि सभी विभाग अपने क्षेत्र की योजनाओं के अनुरूप संचालित किया जायेगा। सभी ग्रामों का अध्ययन कर विभागवार एक जिला स्तरीय कार्य योजना तैयार की जा रही है, इसमें प्रत्येक विभाग का दायित्व स्पष्ट किया गया है जिसमें शिक्षा विभाग को विद्यालयों की गुणवत्ता सुधारनी है, स्वास्थ्य विभाग को दूरस्थ क्षेत्रों तक सेवाएँ पहुँचानी हैं, महिला एवं बाल विकास विभाग को पोषण मिशन को मजबूत बनाना है, कृषि विभाग को आत्मनिर्भर खेती मॉडल विकसित करना है, जबकि पंचायत विभाग को सामुदायिक संस्थाओं के प्रशिक्षण और सशक्तिकरण पर ध्यान केंद्रित करना है।
(Udaipur Kiran) / पारस नाथ सिंह
