
गुरु जम्भेश्वर विश्वविद्यालय व एनईएन (वाधवानी फाउंडेशन) के बीच हुआ एमओयूकौशल विकास के नए आयाम खोलेगा यह एमओयू : कुलपतिहिसार, 7 जुलाई (Udaipur Kiran) । यहां के गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ने वाधवानी फाउंडेशन की प्रतिष्ठित पहल नेशनल एंटरप्रेन्योरशिप नेटवर्क (एनईएन) के साथ एक अहम मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग (एमओयू) किया है। तीन साल के इस एमओयू से विद्यार्थियों को स्टार्टअप और उद्यमिता की दुनिया में कदम रखने का नया मौका मिलेगा। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने साेमवार काे बताया अब हमारे विद्यार्थी नौकरी मांगने वाले नहीं, नौकरी देने वाले बनेंगे। उन्होंने बताया कि इस साझेदारी का मकसद है विद्यार्थियों में व्यापारिक सोच, नवाचार और व्यावहारिक कौशल विकसित करना। यह एमओयू बिना किसी वित्तीय बोझ के किया गया है। वाधवानी फाउंडेशन के साथ मिलकर हम विद्यार्थियों को व्यावसायिक दृष्टिकोण, नेतृत्व क्षमता और रचनात्मकता से युक्त एक नई पीढ़ी के रूप में तैयार कर पाएंगे। यह पहल ‘आत्मनिर्भर भारत’ के संकल्प की दिशा में भी एक मजबूत प्रयास है।विद्यार्थियों को मिलेगा व्यावसायिक अनुभव, शिक्षकों को प्रशिक्षण वाधवानी फाउंडेशन के प्रतिनिधि अमित सिंह और प्रो. गोपा कुमार ने बताया कि शिक्षकों एवं विद्यार्थियों को प्रैक्टिस वेंचर के माध्यम से व्यावसायिक अनुभव प्राप्त करने का अवसर मिलेगा। वाधवानी फाउंडेशन एक अंतरराष्ट्रीय सवशोषित संगठन है, जिसका उद्देश्य विश्वविद्यालय को मुफ्त में अपनी पाठ्य सामग्री, डिजिटल सामग्री और शैक्षणिक विधियां उपलब्ध कराना, प्रशिक्षकों और फैकल्टी सदस्यों को प्रशिक्षित करना और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म, प्रशिक्षण संसाधनों, मार्केटिंग सामग्री तथा तकनीकी सहयोग प्रदान करना।संयुक्त निगरानी और छात्रों को मिलेगा पूरा लाभविश्वविद्यालय के डीन ऑफ कॉलेज प्रो. संजीव कुमार ने बताया कि इस कार्यक्रम के क्रियान्वयन की संयुक्त निगरानी दोनों संस्थानों द्वारा नियुक्त प्रतिनिधियों द्वारा की जाएगी। एक वरिष्ठ प्रबंधन मूल्यांकन समिति समय-समय पर प्रगति की समीक्षा करेगी, सुझाव देगी और आवश्यकतानुसार सुधार करेगी। उन्होंने बताया कि यह एमओयू विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को रोजगार देने वालों से रोजगार सृजनकर्ता में बदलने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा। विश्वविद्यालय अपने छात्रों को वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करने के लिए ऐसे नवाचार आधारित साझेदारियों के लिए प्रतिबद्ध है और हमारे सभी महाविद्यालय इस कार्यक्रम का लाभ उठा सकेंगे।अंतरराष्ट्रीय मामलों की अधिष्ठाता प्रो. नमिता सिंह ने बताया कि हरियाणा स्कूल ऑफ बिजनेस के माध्यम से इस पूरे कार्यक्रम को लागू किया जाएगा। इसमें प्रशिक्षित फैकल्टी और टीचिंग असिस्टेंट्स की नियुक्ति, विद्यार्थियों द्वारा संचालित प्रैक्टिस वेंचर्स को प्रोत्साहन, आवश्यक संसाधनों की उपलब्धता और छात्र सहभागिता सुनिश्चित की जाएगी।हरियाणा स्कूल ऑफ बिजनेस रहेगा इस कार्यक्रम की मुख्य कड़ीहरियाणा स्कूल ऑफ बिजनेस के अधिष्ठाता प्रो. कर्मपाल नरवाल एवं निदेशक प्रो. विनोद कुमार ने बताया कि वाधवानी फाउंडेशन द्वारा उपलब्ध कराई गई सामग्री, पाठ्यक्रम एवं डिजिटल प्लेटफॉर्म का विद्यार्थियों से कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। हालांकि, विश्वविद्यालय आईटी संसाधनों या फैकल्टी समय की वास्तविक लागत की प्रतिपूर्ति कर सकता है। उन्होंने बताया कि वाधवानी फाउंडेशन ने पहले ही गुजविप्रौवि और इससे संबद्ध महाविद्यालयों के 40 शिक्षकों को इस पाठ्यक्रम एवं डिजिटल प्लेटफॉर्म के लिए प्रशिक्षित कर दिया है। यह पाठ्यक्रम पूरी तरह से प्रैक्टिकल आधारित होगा और विद्यार्थियों को स्टार्टअप आइडिया जनरेशन से लेकर एक पूर्ण व्यावसायिक योजना (वेंचर प्रोपोजल) तक ले जाएगा। विशेष बात यह है कि जिन विद्यार्थियों के स्टार्टअप आइडिया अच्छे होंगे, उन्हें वाधवानी फाउंडेशन की ओर से आगे मेंटोरशिप भी दी जाएगी ताकि वे अपने उद्यम को वास्तविक रूप दे सकें। यह एमओयू विद्यार्थियों के लिए एक नया आयाम पेश करते हुए, उन्हें उद्यमी बनाने और उद्यमशीलता के बारे में सजग करने में अत्यन्त लाभकारी साबित होगा।
(Udaipur Kiran) / राजेश्वर
