
हिसार, 30 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । दिल्ली विधानसभा चुनाव के समय 16 जनवरी 2025 को
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आठवें केंद्रीय वेतन आयोग के गठन की घोषणा की थी। उसके
बाद यह आयाग ठंडे बस्ते में चला गया। अब बिहार विधानसभा चुनाव के समय 29 अक्तूबर को
प्रधानमंत्री ने आठवें केंद्रीय वेतन आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष, सचिव एवं एक अन्य
सदस्य की घोषणा कर दी। इस वेतन आयोग द्वारा 18 माह में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत किए जाने
की संभावना जताई गई है। यह बात अखिल भारतीय राज्य कर्मचारी परिसंघ के राष्ट्रीय चेयरमैन एमएल सहगल
व राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य नरेंद्र धीमान ने गुरुवार काे एक संयुक्त बयान में कही।
उन्होंने
कहा कि सरकार द्वारा आठवें केंद्रीय वेतन आयोग को लेकर अत्यंत कठोर शर्तें तय की हैं। आयोग को आर्थिक स्थितियों, वित्तीय विवेक, विकासात्मक व्यय, कल्याणकारी
उपायों के लिए पर्याप्त संसाधन सुनिश्चित करने काे कहा गया है। साथ ही गैर अंशदायी पेंशन
योजना की बिना वित्तपोषित लागत के बारे में ध्यान रखने की भी बात कही है। उन्होंने
कहा कि सरकार के दिमाग में यह बातें तभी आती हैं जब कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को
आर्थिक लाभ उपलब्ध करवाने का मामला सामने आता है। कर्मचारी नेताओं ने कहा कि केंद्र के साथ हरियाणा सहित अन्य कई राज्य सरकारें
अपने कर्मचारियों व पेंशन धारकों को केंद्र सरकार के आदेश लागू करती हैं। इसलिए सरकार
की घोषित शर्तों वाली नीतियों के विरोध में राष्ट्रव्यापी आंदोलन की तैयारियों में
कर्मचारी संगठनों को जुट जाना चाहिए।
सहगल व धीमान ने बताया कि अखिल भारतीय राज्य कर्मचारी परिसंघ की राष्ट्रीय
कार्यकारिणी की आपातकालीन बैठक 9 नवंबर को उत्तर प्रदेश के लखनऊ में बुलाई गई है। बैठक
में आठवें वेतन आयोग के संदर्भ ज्ञापन सौंपकर कर्मचारियों के लिए वेतनमान एवं भत्ते
तथा पेंशन दरें निश्चित करते समय परिवार के पांच सदस्यों के परिवार की जरूरत के हिसाब
से न्यूनतम वेतन की सिफारिश करने के लिए दबाव बनाया जाएगा। इसके अलावा आज के जीवन की
जरूरतों, सूचना प्रौद्योगिकी पर खर्च, बच्चों की शिक्षा और स्वास्थ्य देखभाल आदि पर
खर्च को ध्यान में रखकर ही वेतन व भत्तों में संसोधन बारे मुद्दों पर विचार करके सरकार
को सिफारिशें देनी चाहिएं तथा सभी संशोधित वेतनमान व भत्ते एक जनवरी 2026 से ही लागू होने
चाहिएं जैसे पूर्व में जनवरी 1986, 1996, 2006 व 2016 से चौथे, पांचवें, छठे व सातवें
वेतन आयोग की सिफारिशें लागू की गई थी।
(Udaipur Kiran) / राजेश्वर