Haryana

हिसार : सॉफ्ट स्किल्स भी हार्ड स्किल्स की तरह ही महत्वपूर्ण : प्रो. नरसी राम बिश्नोई

कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई के साथ कार्यक्रम समन्वयक एवं मार्गदर्शन दल के सदस्य।

हिसार, 19 सितंबर (Udaipur Kiran) । गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय

के कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने कहा है कि सफलता पाने के लिए आत्मविश्वास से संवाद

करना, टीम में काम करना, समस्याओं का समाधान ढूंढना और बदलते परिवेश में स्वयं को ढालना

अत्यंत आवश्यक है। यही कौशल अच्छे रिश्ते बनाने, तनाव संभालने और प्रभावी नेतृत्व करने

में मददगार होते हैं।

कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई विश्वविद्यालय के ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट सेल

के स्पीकाथॉन क्लब के सौजन्य से अनुदीप फाउंडेशन के सहयोग से विश्वविद्यालय के कनिष्ट

एवं नवप्रवेशी विद्यार्थियों के लिए हुए दो दिवसीय सॉफ्ट स्किल प्रशिक्षण कार्यक्रम

‘प्रज्ञान-2025’ के प्रशिक्षकों व समन्वयकों के सम्मान के लिए आयोजित समारोह को संबोधित

कर रहे थे। जिंदल स्टेनलेस स्टील हिसार के डीजीएम एलएंडडी हितेश यादव विशिष्ट अतिथि

जबकि अनुदीप फाउंडेशन की किरण विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रही। समारोह की अध्यक्षता

प्लेसमेंट निदेशक डॉ. प्रताप सिंह ने की।

कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने कहा कि सॉफ्ट स्किल्स भी हार्ड स्किल्स की

तरह ही महत्वपूर्ण हैं और जो व्यक्ति इन दोनों में दक्ष हो जाते हैं, वे जीवन के हर

क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त करते हैं। उन्होंने आगे कहा कि प्रज्ञान-2025 ने विश्वविद्यालय

में सहकर्मी से सीखने की संस्कृति का निर्माण किया है और ऐसे कार्यक्रम समग्र व्यक्तित्व

विकास में योगदान करते हैं, जिससे विद्यार्थी भविष्य के लिए तैयार पेशेवर बनते हैं।

विशिष्ट अतिथि हितेश यादव ने कॉपोर्रेट सफलता में संचार और पारस्परिक कौशल

के बढ़ते महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि आज की प्रतिस्पर्धी दुनिया में, केवल तकनीकी

ज्ञान ही नहीं, बल्कि विचारों को प्रस्तुत करने, टीमों का नेतृत्व करने और गतिशील चुनौतियों

के अनुकूल ढलने की क्षमता भी पेशेवरों को अलग बनाती है।

विशेष अतिथि किरण ने सहकर्मी-से-सहकर्मी प्रशिक्षण

के अभिनव मॉडल की सराहना की और विद्यार्थियों के उत्साह पर खुशी व्यक्त की। कार्यक्रम की शुरुआत विश्वविद्यालय कुलगीत से हुई, जिसके बाद डॉ. प्रताप सिंह

ने स्वागत सम्बोधन दिया। समन्वयकों द्वारा ‘प्रज्ञान’ पर एक वृत्तचित्र और

एक विस्तृत कार्यक्रम रिपोर्ट प्रस्तुत की गई। चयनित बैच समन्वयकों और प्रशिक्षकों

ने भी अपने अनुभव साझा किए, जिसमें बताया गया कि कैसे इस कार्यक्रम ने प्रशिक्षुओं

और प्रशिक्षकों, दोनों को आवश्यक कौशल और नेतृत्व गुण विकसित करने में लाभान्वित किया।

समारोह के दौरान, कुलपति द्वारा मुख्य अतिथि और विशिष्ट अतिथि का अभिनंदन किया

गया। इसके बाद 150 से अधिक छात्र प्रशिक्षकों का समूहों में अभिनंदन किया गया। इस अवसर

पर केंद्रीय टीम, मार्गदर्शन टीम और कार्यक्रम समन्वयकों की सामूहिक तस्वीरें भी ली

गईं।

इस कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के प्रमाणित अंतिम वर्ष के छात्रों द्वारा

आठ सत्रों में 64 बैचों में 1600 जूनियर विद्यार्थियों को प्रशिक्षित किया गया। कार्यक्रम

समन्वय का नेतृत्व कार्यक्रम समन्वयक देवयानी, संयुक्त समन्वयक दीपांशु और यशु ने किया

तथा खुशबू, शुभम, हर्ष, मोहित, श्रुति, पलक, मुस्कान और दिग्विजय की मार्गदर्शन टीम

ने सहयोग दिया। कुल 130 बैच समन्वयकों ने विभिन्न सत्रों का समन्वय किया, जबकि लगभग

200 स्वयंसेवकों ने इस विशाल आयोजन के सुचारू संचालन और सफलता के लिए अथक परिश्रम किया। कार्यक्रम का समापन ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट सेल के सहायक निदेशक डॉ. आदित्य

वीर सिंह के धन्यवाद संबोधन एवं राष्ट्रगान के साथ हुआ।

(Udaipur Kiran) / राजेश्वर

Most Popular

To Top