Haryana

हिसार : वैज्ञानिक ऐसी मशीनरी विकसित करें जिससे कृषि लागत को कम किया जा सके : प्रो. बी.आर. काम्बोज

कुलपति प्रो. बीआर कम्बोज।

हकृवि के फार्म मशीनरी एवं पावर इंजीनियरिंग विभाग की बैठक आयोजितहिसार, 11 जुलाई (Udaipur Kiran) । हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के फार्म मशीनरी एवं पावर इंजीनियरिंग विभाग की ओर से संचालित तकनीकी कार्यक्रम की 2024-25 की समीक्षा एवं वर्ष 2025-26 की रूपरेखा तैयार करने के लिए एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक में कुलपति प्रो. बीआर कम्बोज ने मुख्य अतिथि रहे जबकि अनुसंधान निदेशक डॉ. राजबीर गर्ग ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की।कुलपति प्रो. बीआर कम्बोज ने शुक्रवार काे अपने संबोधन में कहा कि वैज्ञानिकों को ऐसे मशीनरी/उपकरण विकसित करने चाहिए जिससे किसानों की कृषि लागत को कम किया जा सके। विश्वविद्यालय का अनुसंधान तंत्र किसानों की आवश्यकताओं के अनुरूप कार्य कर रहा है ताकि प्रदेश एवं देश की कृषि समृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान दिया जा सके। उन्होंने आधुनिक तकनीकों के माध्यम से नवीनतम टेक्नोलॉजी पर आधारित कृषि उपकरण तैयार पर जोर दिया ताकि खेती-बाड़ी के कार्यों को आसान बनाया जा सके। अनुसंधान निदेशक डॉ. राजबीर गर्ग ने क्षेत्रीय कृषि समस्याओं, अनुसंधान प्रयासों, तकनीकी नवाचारों एवं किसानों की आवश्यकताओं पर केंद्रित समाधानों पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक ऐसी तकनीकों का विकास करें जो स्थानीय किसानों की आवश्यकताओं को स्टीक रूप से पूरा कर सके। विकसित की गई तकनीक का मैदानी स्तर पर प्रभावी प्रदर्शन किया जाना चाहिए ताकि उनकी प्रायोगिक उपयोगिता प्रमाणित हो सके। उन्होंने लघु एवं सीमांत किसानों की आवश्यकताओं को मद्देनजर रखते हुए इंटर कल्चर ऑपरेशन के लिए बैटरी चालित, बहु-उपयोगी छोटे कृषि यंत्रों के विकास पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता जताई। डॉ. गर्ग ने फसल अवशेष प्रबंधन के दृष्टिगत पराली जलाने की समस्या को दूर करने के लिए यांत्रिक समाधानों जैसे हैप्पी सीडर, सुपर सीडर, सुपर स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम आदि के प्रभाव उनकी उपयोगिता तथा किसानों के बीच जागरूकता लाने के लिए कहा। बैठक के दौरान वैज्ञानिकों द्वारा वर्ष 2024-2025 में किए गए अनुसंधान कार्यों की विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की गई। कार्यक्रम के समापन अवसर पर कृषि अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. एस के पाहुजा ने सभी प्रतिभागियों का धन्यवाद किया। इस अवसर पर सभी महाविद्यालयों के अधिष्ठाता, निदेशक, अधिकारी, विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष, अनुभाग प्रमुख तथा संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ उपस्थित रहे।

(Udaipur Kiran) / राजेश्वर

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