Haryana

हिसार : प्राइवेट बस संचालकों से विद्यार्थी हो रहे बेइज्जत : दलबीर किरमारा

आम आदमी पार्टी नेता दलबीर किरमारा।

रोडवेज यूनियनों के संघर्ष व बात को जनता ने कभी गंभीरता से नहीं लिया, इसी

से बढ़े परमिट

हिसार, 16 सितंबर (Udaipur Kiran) । आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व जिला अध्यक्ष

दलबीर किरमारा ने कहा है कि सरकार द्वारा दिए गए प्राइवेट परमिटों की असलियत अब जनता

के सामने आने लगी है। विद्यार्थियों सहित जिन वर्गों को सरकार निशुल्क बस यात्रा की

सुविधा दे रही है, वे वर्ग प्राइवेट बसों में निशुल्क सफर नहीं कर पा रहे और उन्हें

आए दिन बेइज्जती झेलनी पड़ती है लेकिन सरकार व संबंधित अधिकारियों के कानों पर जूं

नहीं रेंग रही है और वे चुप्पी साधे हुए हैं।

दलबीर किरमारा ने मंगलवार काे कहा कि शुरूआत में जब सरकार ने जब प्राइवेट परमिट देने शुरू

किए थे तो हरियाणा रोडवेज में कार्यरत यूनियनों ने इनका विरोध किया था। यूनियनों ने

जनता को समझाने का लाख प्रयास किया कि सरकारी बसों में मिल रही निशुल्क बस यात्रा की

सुविधा को खत्म करने का प्रयास किया जा रहा है लेकिन जनता ने यूनियनों की बात को गंभीरता

से नहीं लिया, उल्टा रोडवेज कर्मचारियों पर राजनीति करने का आरोप लगाते हुए यहां तक

कहा जाता था कि जब प्राइवेट परमिट आएंगे तो रोडवेज वाले भी ठीक हो जाएंगे। आज हकीकत

सबके सामने हैं, रोडवेज तो है लेकिन सरकार ने हर रूट पर रोडवेज बसों से ज्यादा प्राइवेट

परमिट दे दिए, जिसके चलते विद्यार्थी वर्ग व अन्य श्रेणियों के वे लोग इन निजी बसों

के रहमो करम पर निर्भर हो गए, जिन्हें निशुल्क यात्रा की छूट है। अब चाहे विद्यार्थी

हो, चाहे वरिष्ठ नागरिक हो, चाहे कोई बीमार हो या अन्य कोई, उन्हें सरकारी बस की तरह

प्राइवेट बसों में निशुल्क या आधी टिकट वाली सुविधा नहीं मिल रही, जो चिंता का विषय

है।

दलबीर किरमारा ने कहा कि सरकार ने प्राइवेट परमिट देते समय तो कहा था कि जो सुविधा रोडवेज बस में मिलेगी,

वही सुविधा प्राइवेट बस में मिलेगी लेकिन अब यह सुविधा नहीं मिल रही है तो जिम्मेवारी

सरकार की बनती है। सरकार विद्यार्थियों, खासकर छात्राओं की समस्याओं को देखते हुुए

इस बात का हल निकाले और प्राइवेट ऑप्रेटरों से बात करें लेकिन समाधान किसी और को नहीं

निकालना, सरकार को ही निकालना है और इसका समाधान जल्द निकाला जाना चाहिए छात्र-छात्राओं,

बुजुर्ग या बीमार को अपमान का सामना न करना पड़े।

(Udaipur Kiran) / राजेश्वर

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