
हिसार, 28 जुलाई (Udaipur Kiran) । बज्मे-ए-अदब की मासिक काव्य गोष्ठी क्रांतिमान पार्क मे आयोजित की गई। सरफराज खान की अध्यक्षता
में गोष्ठी में मंच का संचालन जयभगवान लाड़वाल ने किया जबकि मुख्य अतिथि कृष्ण इंदौरा
थे।
काव्य पाठ करते हुए जयभगवान लाड़वाल ने साेमवार काे सुनाया कि ‘बूढ़े मां-बाप रोटी के लिए
तरसते हैं, बेटे कुत्तों को गाड़ियों में घुमाते हैं। रचनाकार भीमसिंह हुड्डा ने सुनाया-जो
बीत गया उसे भूलना सीखो, दर्द को मुस्कान में छिपाना सीखो। ऋषि सक्सेना ने कुछ यू सुनाया-तन
की स्वतंत्रता चरित्र निर्माण है मन की स्वतंत्रता विचारों का आदान प्रदान है। कृष्ण
इंदौरा ने रचना पाठ करते हुए सुनाया-क्या मौसम आया है बागों में बहार लाया है, धुल
गई है पत्तियों की धूल कलियों पे निखार आया है, सावन का महिना आया है। सरफराज ने सुनाया-हर
शख्स में धोखा दिखाई देता है जिससे मिलो वो खोखा दिखाई देता है। काव्य गोष्ठी के
अवसर पर राजेश कुमार, नरेश कुमार, सुभाष, विजय शर्मा ने भी काव्यपाठ किया।
(Udaipur Kiran) / राजेश्वर
