
हिसार, 24 सितंबर (Udaipur Kiran News) । हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बीआर कंबोज ने कहा है कि आयुर्वेद केवल लोगों के उपचार का माध्यम ही नहीं, बल्कि शरीर को
स्वस्थ रखने में भी महत्वपूर्ण योगदान देता है। उन्होंने यह भी कहा कि आयुर्वेद रोगी
के मूल कारणों का निवारण करता है। प्रो. बीआर कंबोज बुधवार काे मौलिक विज्ञान एवं मानविकी महाविद्यालय में आयुर्वेद दिवस
के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। विश्वविद्यालय के औषधीय सुंगधित
एवं क्षमतावान अनुभाग और भू-दृश्य संरचना इकाई द्वारा आयुर्वेद दिवस के उपलक्ष्य पर
आयोजित कार्यक्रम में कुलपति मुख्य अतिथि रहे जबकि श्री कृष्णा आयुष
विश्वविद्यालय, कुरुक्षेत्र के कुलपति प्रो. वैद्य करतार सिंह धीमान मुख्य वक्ता रहे।
कुलपति ने कहा कि आयुर्वेद दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य इसका प्रचार एवं प्रसार करने
के साथ-साथ इस पद्धति के बारे में लोगों को जागरूक करना भी है। उन्होंने बताया कि खाद्य
सुरक्षा और पोषण सुरक्षा में औषधीय पौधों का विशेष महत्व है। इसलिए विश्वविद्यालय में
वैज्ञानिकों द्वारा निरंतर औषधीय पौधों पर विभाग द्वारा शोध कार्य किए जा रहे हैं।
मुख्य अतिथि ने उद्यमिता पर जोर देते हुए कहा कि औषधीय उद्यमिता बढ़ाने के लिए आवश्यक
है कि हम पारंपरिक ज्ञान, आधुनिक वैज्ञानिक शोध और सरकारी योजनाओं का समन्वय करें, ताकि
एक सकारात्मक वातावरण तैयार हो।
मुख्य वक्ता प्रो. धीमान ने कहा कि आज पूरी दुनिया में लोग प्राकृतिक चिकित्सा,
योग और आयुर्वेद की ओर आकर्षित हो रहे हैं जिससे इसकी महत्ता और बढ़ गई है। आयुर्वेद
हमें प्राकृतिक संतुलन और दीर्घकालिक स्वास्थ्य प्रदान करता है। योग को प्राकृतिक चिकित्सा
पद्धति बताते हुए उन्होंने कहा कि इसमें जड़ी-बूटियों, धातुओं, खनिजों और प्राकृतिक
संसाधनों से बने औषधियों का उपयोग किया जाता है। अनुसंधान निदेशक डॉ.राजवीर गर्ग ने विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों द्वारा
औषधीय पौधों के बारे में किए जा रहे शौध कार्यों के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
औषधीय सुंगधित एवं क्षमतावान अनुभाग के अध्यक्ष डॉ. राजेश आर्य ने धन्यवाद प्रस्ताव
पारित किया। कैंपस स्कूल की छात्रा मैनी ने आयुर्वेद से संबंधित अपने विचार रखे। मंच
संचालन छात्रा श्वेता ने किया।
(Udaipur Kiran) / राजेश्वर
