Uttar Pradesh

हिन्दू समाज स्वार्थ से ऊपर उठकर एकजुट हो: स्वामी चिदम्बरानंद सरस्वती

स्वामी चिदम्बरानंद सरस्वती

लखनऊ, 07 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । जानकीपुरम विस्तार के सूर्या अकादमी में आयोजित पत्रकार परिषद में मंगलवार को मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे स्वामी चिदम्बरानंद सरस्वती ने देश और धर्म से जुड़े मुद्दों पर खुलकर विचार रखे।

उन्होंने पहलगाम आतंकी हमले और बरेली हिंसा की घटनाओं को अत्यंत दुखद बताते हुए कहा कि अब समय आ गया है कि हिन्दू समाज स्वार्थ से ऊपर उठकर एकजुट हो, क्योंकि आतंकवाद की जड़ें बहुत गहरी हैं और इसके निशाने पर हमारा अस्तित्व है। उन्होंने अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज को भी आड़े हाथों लेते हुए बिहार चुनाव में लोगों को खुद को शंकराचार्य बुलाने वाले पाखंडियों से बचने की सलाह दे डाली।

सरस्वती ने कहा कि पहलगाम में धर्म पूछकर मारा गया, यह केवल सरकारों के लिए नहीं बल्कि हिन्दू समाज के लिए चेतावनी थी। संदेश साफ है, हम तुम्हें तुम्हारे धर्म से पहचानकर मार देंगे, अब तुम क्या कर लोगे? लेकिन अब भारत बदल चुका है। पहले की तरह आतंकियों को छोड़ा नहीं जाता, बल्कि जवाब उसी भाषा में दिया जाता है। यह मोदी और योगी सरकार की दृढ़ नीति का परिणाम है।

उन्होंने आगे कहा कि, आज दुनिया का एकमात्र धर्म हिन्दू धर्म है जो ‘सर्वे भवन्तु सुखिनः’ की बात करता है। फिर भी हमें असहिष्णु कह दिया जाता है। जबकि सच्चाई यह है कि पूरे विश्व में आतंक के मूल में एक ही मजहब दिखाई देता है। यह समय है कि हिन्दू समाज ऐसे विभाजनकारी तत्वों को पहचानें और उनका विरोध हर स्तर पर करे।

स्वामी चिदम्बरानंद ने धर्म और राजनीति के बदलते समीकरणों पर कहा कि,2014 के बाद पहली बार देश ने आस्था का ध्रुवीकरण देखा है। जहां एक ओर केदारनाथ में घोड़े-खच्चर वाले करोड़ों कमा रहे हैं, वहीं कुम्भ में करोड़ों श्रद्धालु उमड़ रहे हैं। यह बताता है कि भारत की आत्मा फिर से अपने धर्म और संस्कृति की ओर लौट रही है।

उन्होंने कहा, हमने भगवान को भी जातियों में बाँट दिया, यही हमारी कमजोरी है। लेकिन अब परिवर्तन की शुरुआत हो चुकी है। लोग गूगल पर धर्म खोज रहे हैं। संतों से जुड़ रहे हैं। नॉन-वेज छोड़ रहे हैं। अमेरिका और यूरोप में गो-वीगन का ट्रेंड चल रहा है, पर हम अपने देश में गाय पर बहस कर रहे हैं, यह शर्म की बात है।

‘आई लव मोहम्मद’ विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए चिदम्बरानंद सरस्वती ने कहा, यह सब सुनियोजित षड्यंत्र है। जिनके मजहब में पोस्टर और चित्र हराम हैं, वही अब सार्वजनिक प्रदर्शन कर रहे हैं। यह किसी षड्यंत्र का हिस्सा है। और इसका उचित जवाब हमारी योगी सरकार ने दिया है। ऐसे अनुशासन की आवश्यकता पूरे देश में है।

सरस्वती ने स्वामी श्री अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज पर भी तंज कसते हुए कहा कि ये वही अविमुक्तेश्वरानंद हैं जो सीएए के विरोध में यह कहते हैं कि पाकिस्तानी मुसलमानों को भी भारत की नागरिकता दी जानी चाहिए। आप धर्माचार्य होकर भी पाकिस्तान के मुसलमान जो सबसे बड़े गौ हत्यारे हैं, जिनकी दिनचर्या में गौ मांस खाना है। आप उन्हें भारतीय नागरिकता देने की बात कर रहे हैं।

उन्होंने बिहार चुनाव पर भी अविमुक्तेश्वरानंद को घेरते हुए कहा कि, बिहार में गौ रक्षा के नाम पर खुद को शंकराचार्य बुलाने वाले अविमुक्तेश्वरानंद लोगों को भ्रमित करके पाखंडवाद को बढ़ावा दे रहे हैं। ये बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है लोगों को ऐसे पाखंडियों से बच कर रहना चाहिए।

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(Udaipur Kiran) / दीपक

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