RAJASTHAN

कुंभलगढ़ दुर्ग में मोहर्रम जुलूस की चर्चा पर हिन्दू संगठन नाराज, बाजार बंद, विरोध प्रदर्शन

कुंभलगढ़ दुर्ग में मोहर्रम जुलूस की चर्चा पर हिन्दू संगठन नाराज, बाजार बंद, विरोध प्रदर्शन

राजसमंद, 3 जुलाई (Udaipur Kiran) । राजसमंद के ऐतिहासिक कुंभलगढ़ दुर्ग में मोहर्रम का जुलूस निकाले जाने की संभावित तैयारियों को लेकर हिन्दू संगठनों और सर्व समाज के प्रतिनिधियों ने कड़ा विरोध जताया है। गुरुवार को कुंभलगढ़ कस्बे में हिन्दू समाज के विभिन्न संगठनों ने प्रदर्शन कर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (ASI) के खिलाफ नारेबाजी की और पुतला दहन कर आक्रोश प्रकट किया।

हिन्दू संगठनों का आरोप है कि कुंभलगढ़ दुर्ग में बिना पुरातत्व विभाग की विधिवत अनुमति के मोहर्रम जुलूस की योजना बनाई जा रही है, जो न केवल ऐतिहासिक दृष्टि से अनुचित है बल्कि हिन्दू समाज की भावनाओं को भी ठेस पहुंचाने वाला है। प्रदर्शनकारियों ने कुंभलगढ़ बाजार पूरी तरह बंद रखकर अपना विरोध दर्ज कराया।

प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे कार्यकर्ता रजनीश हिन्दू ने कहा कि कुंभलगढ़ दुर्ग हिन्दुआ सूरज महाराणा प्रताप की जन्मस्थली है, जिन्होंने अपने जीवन में कभी भी मुगलों के आगे सिर नहीं झुकाया। ऐसे गौरवशाली स्थल पर मोहर्रम जैसे आयोजन की चर्चा भी दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की गतिविधियां न केवल ऐतिहासिक स्मारकों की गरिमा को ठेस पहुंचाती हैं, बल्कि सामाजिक समरसता को भी चुनौती देती हैं।

यह भी बताया जा रहा है कि पूर्व में दुर्ग में मोहर्रम का कोई जुलूस नहीं निकलता था, दो साल पहले से ही जुलूस निकाला जाने लगा जिसकी अनुमति नहीं होने पर भी पुरातत्व विभाग कोई कार्रवाई नहीं करता। इस बात को लेकर तब भी हिन्दू समाज ने कड़ा विरोध किया था। हिन्दू समाज का आरोप है कि सामाजिक विरोध के बावजूद एक संरक्षित पुरामहत्व के स्थल पर यह परंपरा जबरन स्थापित करने का कृत्य किया जा रहा है जिससे समाज आशंकित है।

प्रदर्शन के दौरान वक्ताओं ने यह भी आरोप लगाया कि पुरातत्व विभाग पूर्व में भी कुंभलगढ़ दुर्ग के अंदर स्थित शिव मंदिर से धार्मिक ध्वजा को हटाने का कार्य कर चुका है, जिससे हिन्दू समाज में गहरी नाराजगी व्याप्त है। उनका कहना है कि एक ओर जहां किले के धार्मिक स्वरूप को प्रभावित किया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर ऐसे आयोजन की छूट देकर परंपरा से खिलवाड़ किया जा रहा है।

गौरतलब है कि कुंभलगढ़ दुर्ग भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के संरक्षण में है और किसी भी आयोजन अथवा धार्मिक क्रियाकलाप के लिए पूर्व अनुमति आवश्यक होती है। फिलहाल इस मामले में विभाग की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है, लेकिन विरोध को देखते हुए प्रशासन की सतर्कता बढ़ गई है।

स्थानीय प्रशासन द्वारा शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए अतिरिक्त पुलिस जाप्ता तैनात किया गया है। वहीं, हिन्दू संगठनों ने चेतावनी दी है कि यदि इस प्रकार के आयोजन की अनुमति दी जाती है तो वे उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।

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(Udaipur Kiran) / सुनीता

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