HimachalPradesh

हिमाचल का मानव विकास सूचकांक राष्ट्रीय औसत से बेहतर, मुख्यमंत्री सुक्खू ने जारी की रिपोर्ट

मुख्यमंत्री विमोचन करते हुए

शिमला, 27 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने सोमवार को यहां ‘हिमाचल प्रदेश मानव विकास प्रतिवेदन-2025’ का विमोचन किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि यह प्रतिवेदन प्रदेश की प्रगति, जनता की आकांक्षाओं और कठिन भौगोलिक परिस्थितियों में की गई विकास यात्रा का दस्तावेज है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह रिपोर्ट हिमाचल के लोगों की मेहनत और दृढ़ इच्छाशक्ति की कहानी बताती है, जिन्होंने सीमित संसाधनों के बावजूद प्रदेश को विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि रिपोर्ट के अनुसार हिमाचल प्रदेश का मानव विकास सूचकांक औसत 0.78 है, जो राष्ट्रीय औसत 0.63 से अधिक है। उन्होंने कहा कि यह पूरे प्रदेश के लिए गर्व की बात है। सुक्खू ने बताया कि हिमाचल अब पूर्ण साक्षर राज्य बन गया है और यहां की साक्षरता दर 99.30 प्रतिशत तक पहुंच चुकी है। हाल ही में हुए राष्ट्रीय सर्वेक्षण में हिमाचल को देशभर में शिक्षा के क्षेत्र में पांचवां स्थान मिला है, जबकि वर्ष 2021 में प्रदेश 21वें स्थान पर था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएं लगातार बेहतर हुई हैं। शिशु मृत्यु दर घटकर प्रति एक हजार जीवित जन्मे शिशुओं पर 21 रह गई है, जो स्वास्थ्य क्षेत्र में प्रदेश की सफलता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि हिमाचल में औसत आयु बढ़कर 72 वर्ष हो गई है, जबकि गरीबी दर सात प्रतिशत से भी कम रह गई है। यह सब राज्य सरकार के सर्वांगीण और समावेशी विकास के प्रयासों का परिणाम है।

मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि सरकार ने सड़कों, उद्योगों, कृषि और बागवानी के साथ-साथ शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला सशक्तिकरण, वृद्धजन देखभाल और ग्रामीण विकास जैसे क्षेत्रों में भी प्राथमिकता के साथ निवेश किया है। उन्होंने जलवायु परिवर्तन पर चिंता जताते हुए कहा कि यह अब एक गंभीर समस्या बन चुकी है और यदि इसका स्थायी समाधान नहीं निकाला गया तो आने वाली पीढ़ियों को इसके दुष्परिणाम झेलने पड़ेंगे। उन्होंने कहा कि हिमाचल हमेशा से पर्यावरण के अनुकूल विकास का पक्षधर रहा है और प्रदेश ने अपने वनों, नदियों और पहाड़ों के संरक्षण के लिए सतत विकास की नीति अपनाई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष राज्य ने जलवायु परिवर्तन के गंभीर प्रभावों को देखा है। भारी बारिश, भूस्खलन और बाढ़ के कारण जन-धन की भारी हानि हुई है। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि विश्व एक परिवार की तरह मिलकर पर्यावरण संरक्षण और आर्थिक विकास को समान गति से आगे बढ़ाए।

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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा

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