
शिमला, 18 जुलाई (Udaipur Kiran) । तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी ने शुक्रवार को तकनीकी शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार नवाचार आधारित संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए पूरी प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि हिमाचल के युवाओं को वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार किया जा रहा है और उन्हें न्यू एज कोर्सिज का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
धर्माणी ने बताया कि औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) में स्किल गैप विश्लेषण किया जा रहा है। इसके आधार पर जिलावार कौशल विकास योजना बनाई जाएगी और फिर एक समग्र राज्य कौशल विकास योजना तैयार की जाएगी। इससे युवाओं को रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण मिल सकेगा।
उन्होंने बताया कि तकनीकी शिक्षा में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए दो करोड़ रुपये का इनोवेशन फंड स्थापित किया गया है। औद्योगिक संस्थानों के प्रशिक्षुओं को चुनौतिपूर्ण परियोजनाओं से जोड़ा जाएगा, जिससे उनके नवाचारों से व्यावहारिक समस्याओं का समाधान संभव हो सकेगा।
मंत्री ने कहा कि राज्य में स्टार्टअप और लघु उद्यमों को बढ़ावा देने के लिए एक मजबूत इकोसिस्टम तैयार किया जा रहा है। पोस्ट डिग्री और पोस्ट डिप्लोमा प्रशिक्षुओं के लिए नवाचार केंद्र खोले जाएंगे ताकि वे उद्यमशीलता की दिशा में कदम बढ़ा सकें।
राजेश धर्माणी ने अधिकारियों को उद्योग जगत के संगठनों के साथ समन्वय स्थापित करने के निर्देश दिए ताकि युवा अपने खुद के छोटे उद्योग स्थापित कर सकें। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षकों को भी औद्योगिक प्रशिक्षण देकर उनका कौशल उन्नयन किया जाएगा।
धर्माणी ने जानकारी दी कि प्रदेश में समय-समय पर राज्य स्तरीय स्मार्ट हैकाथॉन का आयोजन किया जाता है, जिसमें प्रतिभाशाली प्रशिक्षुओं को सम्मानित किया जाता है। इस बैठक में तकनीकी शिक्षा सचिव संदीप कदम, निदेशक अक्षय सूद और विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
—————
(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा
