
शिमला, 22 सितंबर (Udaipur Kiran News) । भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता गोपाल कृष्ण अग्रवाल ने कहा कि जीएसटी व्यवस्था में बदलाव से हिमाचल प्रदेश को कोई नुकसान नहीं होगा। उन्होंने दावा किया कि प्रदेश को जीएसटी और आईजीएसटी के हिस्से से प्रतिवर्ष औसतन 14 प्रतिशत की वृद्धि के साथ राजस्व प्राप्त हो रहा है।
उन्होंने सोमवार को शिमला में पत्रकार वार्ता में आयोजत वार्ता में आंकड़े साझा करते हुए बताया कि वित्त वर्ष 2023-24 में हिमाचल प्रदेश को जीएसटी से 5339 करोड़ रुपये और आईजीएसटी से 2845 करोड़ रुपये मिले। इस तरह प्रदेश को कुल 9375 करोड़ रुपये की आय हुई। वहीं, ग्रांट-इन-एड के रूप में केंद्र सरकार से 14942 करोड़ रुपये मिले। यदि दोनों को मिलाकर देखा जाए तो 2023-24 में हिमाचल को केंद्र से कुल 24317 करोड़ रुपये प्राप्त हुए। उन्होंने कहा कि प्रदेश का कुल बजट 50 हजार करोड़ रुपये का है, जिसमें से लगभग 50 प्रतिशत हिस्सा केंद्र सरकार से मिलता है।
अग्रवाल ने कहा कि 2020-21 में हिमाचल को 4753 करोड़, 2021-22 में 7349 करोड़ और 2022-23 में 7883 करोड़ रुपये जीएसटी के माध्यम से मिले। यह आंकड़े इस बात का प्रमाण हैं कि प्रदेश को हर साल जीएसटी से आय में बढ़ोतरी हो रही है। ऐसे में यह कहना कि हिमाचल को जीएसटी से घाटा हो रहा है, पूरी तरह असत्य है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार वेतन पर 39 प्रतिशत, पेंशन पर 23 प्रतिशत और ब्याज पर 15 प्रतिशत खर्च कर रही है। ऐसे में वित्तीय प्रबंधन की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है और केवल केंद्र को दोष देना उचित नहीं है।
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आज से लागू हुए नेक्स्ट जेन जीएसटी रिफॉर्म भारत की अर्थव्यवस्था को और मजबूती देंगे। उन्होंने बताया कि अब केवल दो कर स्लैब रहेंगे—5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत—जिनमें 99 प्रतिशत सामान शामिल होंगे। रोजमर्रा की जरूरत की वस्तुओं पर न्यूनतम कर लगेगा, नए व्यापारियों का पंजीकरण तीन दिन में होगा, करदाताओं को 90 प्रतिशत रिफंड तुरंत मिलेगा और इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर व इनपुट टैक्स क्रेडिट की समस्याओं का समाधान होगा।
उन्होंने कहा कि इन सुधारों से व्यापार करना और सरल होगा, आम जनता को वस्तुएं सस्ती मिलेंगी, किसानों को कृषि उपकरणों पर लाभ मिलेगा और उद्योग-व्यापार जगत को बढ़ती मांग से नई ऊर्जा प्राप्त होगी।
गोपाल कृष्ण अग्रवाल ने कहा कि जीएसटी लागू होने के बाद से देश में हर माह औसतन 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक की कर प्राप्ति हो रही है। “एक राष्ट्र, एक कर” की अवधारणा ने भारत की आर्थिक एकता को मजबूत किया है। उन्होंने विश्वास जताया कि यह सुधार भारत को आत्मनिर्भर बनाएंगे और विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा
