
शिमला, 27 सितंबर (Udaipur Kiran News) । हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में शनिवार को कुलपति आचार्य महावीर सिंह की अध्यक्षता में कार्यकारिणी परिषद (ईसी) की वर्ष 2025 की दूसरी नियमित बैठक आयोजित हुई। बैठक में छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों से जुड़े कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। सबसे बड़ा निर्णय उन विद्यार्थियों के हित में लिया गया, जो अपनी स्नातक की पढ़ाई पूरी नहीं कर पाए थे।
ईसी ने बी.ए., बी.एससी., बी.कॉम और शास्त्री पाठ्यक्रमों के छात्रों को ‘गोल्डन चांस’ देने की स्वीकृति प्रदान की। इस फैसले से शैक्षणिक सत्र 2020-21 से लेकर 2025-26 तक के विद्यार्थी अपनी अधूरी पढ़ाई पूरी कर सकेंगे। इसके अलावा पांच वर्ष की अवधि पूरी होने के बाद भी छात्रों को 7,000 रुपये अतिरिक्त शुल्क के साथ एक साल का अतिरिक्त अवसर मिलेगा। परिषद ने यह भी स्पष्ट किया कि जेबीटी, डीएलएड. या अन्य कारणों से पढ़ाई अधूरी छोड़ने वाले विद्यार्थियों को भी यह लाभ मिलेगा।
बैठक में शिक्षकों के स्थानांतरण को भी हरी झंडी दी गई। अब विश्वविद्यालय जरूरत पड़ने पर प्राध्यापकों का तबादला कर सकेगा। इसके साथ ही स्नातक व स्नातकोत्तर स्तर के विभिन्न पाठ्यक्रमों के पुराने छात्रों को भी अपनी डिग्री पूरी करने और उपाधि सुधार का एक और अवसर प्रदान करने का निर्णय लिया गया। इसमें प्रभाकर, बीटीए, बीटीटीएम, बीबीए, बीसीए, बी.एड, बी.वॉक, बीएचएम के साथ-साथ एमए, एम.कॉम, एमएमसी, आचार्य, एमएससी गणित, एम.एड, एमए एजुकेशन जैसे स्नातकोत्तर कोर्स तथा पीजीडीसीए और डीसीए जैसे डिप्लोमा कोर्स शामिल हैं।
ईसी ने विश्वविद्यालय के प्रशासनिक कार्यों को मजबूत करने के लिए सेवानिवृत्त नायब तहसीलदार, कानूनगो और पटवारी को अनुबंध आधार पर राजस्व मामलों के निपटारे के लिए रखने का भी निर्णय लिया। वहीं गैर-शिक्षक कर्मचारियों को पीएचडी करने की अनुमति भी दी गई है, हालांकि उन्हें शोध कार्य अपने अर्जित अवकाश पर ही करना होगा।
बैठक में प्राध्यापकों की करियर एडवांसमेंट स्कीम (सीएएस) को लेकर भी विस्तृत चर्चा हुई और यह तय किया गया कि यह मामला कुलपति, प्रति-कुलपति और परिषद सदस्यों के साथ सरकार के समक्ष उठाया जाएगा। इसके अलावा वरिष्ठ आचार्य पद को लेकर भी विचार-विमर्श किया गया।
बैठक में प्रति-कुलपति आचार्य राजेन्द्र वर्मा, विधायक शिमला शहरी हरीश जनार्था, विधायक भोरंज सुरेश कुमार, आचार्य सतेन्द्र प्रताप सिंह, आचार्य मोहन झारटा, विशेष सचिव (शिक्षा) शशि कुमार सिंह, विशेष सचिव (वित्त) विजय वर्धन (ऑनलाइन), कुलसचिव ज्ञान सागर नेगी, परीक्षा नियंत्रक आचार्य श्याम लाल कौशल, आचार्य देस राज ठाकुर, डॉ. बलजीत सिंह पटियाल, प्राचार्य एमसीएम डीएवी कॉलेज कांगड़ा डॉ. संजीव कुमार बरागटा और सदस्य सुनील दत्त सहित अन्य मौजूद रहे।
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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा
