HEADLINES

साक्षरता दिवस पर शिक्षा मंत्रालय का समारोह, हिमाचल प्रदेश बना पांचवा पूर्ण साक्षर राज्य

शिक्षा राज्य मंत्री जयंत चौधरी सोमवार को कार्यक्रम को संबोधित करते हुए

नई दिल्ली, 08 सितंबर (Udaipur Kiran) । शिक्षा मंत्रालय ने सोमवार को यहां अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस-2025 मनाया, जिसका विषय “डिजिटल युग में साक्षरता को बढ़ावा देना” था। इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश को पूर्ण साक्षर राज्य घोषित किया गया। इससे पहले त्रिपुरा, मिजोरम, गोवा और केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख यह उपलब्धि हासिल कर चुके हैं।

डॉ. अंबेडकर अंतरराष्ट्रीय केंद्र में शिक्षा मंत्रालय के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस समारोह में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने वर्चुअल संदेश देते हुए साक्षरता को आत्मनिर्भरता, गरिमा और सशक्तिकरण का माध्यम बताया। उन्होंने कहा कि देश की साक्षरता दर 2011 की 74 प्रतिशत से बढ़कर 2023-24 में 80.9 प्रतिशत हो गई है। प्रधान ने उल्लास नवभारत साक्षरता कार्यक्रम की प्रगति का उल्लेख करते हुए कहा कि इसमें अब तक तीन करोड़ से अधिक शिक्षार्थियों और 42 लाख स्वयंसेवकों का पंजीकरण हुआ है। 1.83 करोड़ शिक्षार्थियों ने आकलन परीक्षाएं दी हैं, जिनमें 90 प्रतिशत सफलता मिली है। उन्होंने युवाओं और छात्रों से आह्वान किया कि वे इस अभियान को जनांदोलन बनाने में सहयोग करें।

शिक्षा राज्य मंत्री जयंत चौधरी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि कठिन भौगोलिक परिस्थितियों वाले राज्यों का सबसे पहले पूर्ण साक्षर होना सराहनीय है। उन्होंने साक्षरता की परिभाषा को डिजिटल, वित्तीय और नागरिक जागरूकता तक विस्तारित करने की आवश्यकता पर बल दिया। चौधरी ने कहा कि भारत ने डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर के माध्यम से वह उपलब्धि हासिल की है, जो अन्य देशों को कई दशक लग सकते थे।

मंत्री ने भविष्य के लिए तीन प्रमुख प्राथमिकताओं की रूप-रेखा प्रस्तुत करते हुए कहा कि स्वयंसेवा की भावना को बनाए रखना, क्योंकि साक्षरता का प्रसार सबसे तेज़ी से तब होता है, जब नागरिक एक-दूसरे की शिक्षा की ज़िम्मेदारी लेते हैं। साक्षरता को कौशल और आजीविका के साथ एकीकृत करना, यह सुनिश्चित करना कि व्यक्तियों को तत्काल और ठोस लाभ प्राप्त हों। साक्षरता की परिभाषा को निरंतर व्यापक बनाना, जिसमें डिजिटल उपकरण, वित्तीय साक्षरता और नागरिकों के अधिकारों और ज़िम्मेदारियों के प्रति जागरूकता शामिल हो।

डॉ. बी. आर. अंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए चौधरी ने याद दिलाया कि कैसे अंबेडकर अपनी पृष्ठभूमि की चुनौतियों से ऊपर उठकर शिक्षा के सबसे प्रबल समर्थकों में से एक बने। उन्होंने अंबेडकर के इस विश्वास को दोहराया कि साक्षरता के माध्यम से अज्ञानता के चक्र को तोड़ा जाना चाहिए और शिक्षा तक मुफ्त और समान पहुंच आवश्यक है।

इस अवसर पर शिक्षा सचिव संजय कुमार ने कहा कि स्वतंत्रता के समय 12 प्रतिशत रही साक्षरता दर आज 80 प्रतिशत से अधिक हो चुकी है और इसे अगले जनगणना तक और ऊंचाई पर ले जाना है। उन्होंने सभी साक्षर नागरिकों से अपील की कि वे कम से कम एक निरक्षर को साक्षर बनाने का संकल्प लें।

कार्यक्रम में उल्लास संकलन जारी किया गया तथा लद्दाख और गोवा के प्रतिनिधियों ने अपने अनुभव साझा किए। सप्ताहभर (1 से 8 सितंबर) आयोजित उल्लास साक्षरता सप्ताह के तहत देशभर में व्यापक पंजीकरण और जनजागरण अभियान चलाया गया।

समारोह में राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के शिक्षा मंत्री, मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी, स्वयंसेवी शिक्षक, नवसाक्षर और विभिन्न शिक्षा संस्थानों के प्रतिनिधि शामिल हुए।

————

(Udaipur Kiran) / सुशील कुमार

Most Popular

To Top