
शिमला, 02 सितंबर (Udaipur Kiran) । मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मंगलवार को विधानसभा में बताया कि प्रदेश में करीब दो दर्जन पनबिजली परियोजनाओं की डीपीआर, सर्वेक्षण और जांच कार्य हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड ने किए थे, लेकिन स्वतंत्र बिजली उत्पादकों (आईपीपी) ने अब तक इसका भुगतान नहीं किया है। इस मद में बिजली बोर्ड को कुल 1177.89 करोड़ रुपये की राशि वसूलनी है।
मुख्यमंत्री ने प्रश्नकाल के दौरान शाहपुर के विधायक केवल सिंह पठानिया द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि केवल बास्पा-दो पनबिजली परियोजना से ही बिजली बोर्ड को 874.69 करोड़ रुपये की वसूली होनी है। उन्होंने बताया कि ब्याज दर पर सहमति न बनने के कारण यह वसूली लंबे समय से अटकी हुई है। प्रदेश सरकार ने राज्य के हितों की रक्षा के लिए शीर्ष वकीलों को नियुक्त किया है।
उन्होंने कहा कि शानन परियोजना को वापस पाने के मामले पर 17 सितंबर को सर्वोच्च न्यायालय में सुनवाई होगी, जबकि बीबीएमबी से लंबित बकाया राशि प्राप्त करने पर 10 सितंबर को सुनवाई होगी। मुख्यमंत्री ने बताया कि अदालती आदेश आने के बाद जेएसडब्ल्यू कंपनी से रॉयल्टी के रूप में 250 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आय होने की उम्मीद है।
उन्होंने यह भी कहा कि बैरा स्यूल पनबिजली परियोजना 40 साल पूरे कर चुकी है, इसलिए इसे राज्य सरकार को सौंपने के लिए नोटिस जारी किया गया है और यह मामला फिलहाल उच्च न्यायालय में लंबित है।
इससे पहले विधायक केवल सिंह पठानिया ने सवाल उठाया कि कई पनबिजली परियोजनाओं ने लीज डीड की राशि जमा नहीं करवाई है। उनके अनुसार शाहपुर क्षेत्र की 12 परियोजनाओं ने अब तक 4.27 करोड़ रुपये जमा नहीं किए हैं।
ज्वालाजी नगर परिषद को मिलेगी आठ कनाल जमीन
विधानसभा में मुख्यमंत्री ने कहा कि ज्वालाजी नगर परिषद को आठ कनाल जमीन ट्रांसफर कर दी जाएगी, यदि वह क्षेत्र नगर परिषद सीमा में आता है और इसमें कोई अन्य अड़चन नहीं है। शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि नई बनी नगर निकायों को पंचायतों से जमीन ट्रांसफर करवाना सरकार का दायित्व है और इस दिशा में प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि ज्वालाजी का सौंदर्यीकरण भी किया जाएगा और इस कार्य को तेज गति से पूरा करने की योजना है।
विधायक संजय रतन ने भी कहा कि राज्य में कई पंचायतें नगर पंचायत और नगर परिषद बनी हैं, लेकिन उनकी संपत्ति अब तक ट्रांसफर नहीं हुई है। उन्होंने ज्वालाजी की आठ कनाल जमीन जल्द से जल्द ट्रांसफर करने की मांग की।
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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा
