HimachalPradesh

हिमाचल बना ट्रांसजेंडर और दिव्यांगजनों के लिए अलग शौचालय सुविधा वाला अग्रणी राज्य

शिमला, 15 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । सर्वोच्च न्यायालय के दिशा-निर्देशों के अनुरूप ट्रांसजेंडर और विशेष रूप से सक्षम व्यक्तियों के लिए अलग शौचालय सुविधाएं सुनिश्चित करने की दिशा में हिमाचल प्रदेश ने एक अहम कदम उठाया है। लोक निर्माण विभाग के एक प्रवक्ता ने बुधवार काे बताया कि राज्य इस कार्य में देश के अग्रणी राज्यों में शामिल हो गया है। राज्य सरकार द्वारा सार्वजनिक न्यायालय परिसरों और ट्रिब्यूनल में विशेष जरूरतों वाले लोगों की सुविधा के लिए यह कार्य तेजी से किया जा रहा है।

प्रवक्ता ने बताया कि अब तक शिमला, कांगड़ा, सोलन, हमीरपुर, बिलासपुर, ऊना, मंडी, चंबा और किन्नौर जिलों में कुल 52 शौचालयों का निर्माण किया जा चुका है। इनमें से 27 शौचालय ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के लिए तथा 25 विशेष रूप से सक्षम व्यक्तियों के लिए बनाए गए हैं। शेष जिलों में भी इस दिशा में कार्य जारी है।

उन्होंने बताया कि सिरमौर, कुल्लू और अन्य जिलों के न्यायालय परिसरों में 34 और शौचालयों का निर्माण कार्य प्रगति पर है, जिसे शीघ्र ही पूरा कर लिया जाएगा। इसके अलावा, जहां भूमि उपलब्ध होगी, वहां इस वर्ष के अंत तक 13 और शौचालयों का निर्माण प्रस्तावित है। यह कार्य राज्य सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है और इसे शीघ्रता से पूरा किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू के निर्देशों पर इस महत्त्वपूर्ण कार्य के लिए अब तक 1.50 करोड़ रुपये की राशि जारी की जा चुकी है। शेष शौचालयों के निर्माण के लिए अतिरिक्त 1.13 करोड़ रुपये की धनराशि शीघ्र ही जारी की जाएगी, ताकि निर्माण कार्य में किसी प्रकार की बाधा न आए।

इस कार्य की निगरानी के लिए न्यायमूर्ति सत्ययेन वैद्य की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया है। इस समिति में मुख्य सचिव, प्रधान सचिव वित्त, सचिव लोक निर्माण, बार एसोसिएशन के अध्यक्ष तथा लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियंता को सदस्य के रूप में शामिल किया गया है। इसके अतिरिक्त, जिला एवं सत्र न्यायाधीशों की अध्यक्षता में एक उप-समिति भी बनाई गई है, जो जिला स्तर पर निर्माण कार्यों की निगरानी के साथ-साथ न्यायिक परिसरों में सुविधाओं की उपलब्धता और विशेष रूप से सक्षम व्यक्तियों की आवश्यकताओं की पूर्ति सुनिश्चित करेगी।

प्रवक्ता ने बताया कि यह पहल राज्य सरकार की सामाजिक समावेशिता और न्यायिक ढांचे को सभी वर्गों के लिए सुलभ और अनुकूल बनाने की दिशा में एक सराहनीय प्रयास है। इसके माध्यम से न्यायालय परिसरों में आने वाले ट्रांसजेंडर और विशेष रूप से सक्षम व्यक्तियों को सुविधा और सम्मानजनक वातावरण प्रदान करना सरकार की प्राथमिकता है।

—————

(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा

Most Popular

To Top