Uttrakhand

पर्वतीय सांस्कृतिक उत्थान मंच का विवाद आपसी सहमति के बाद सुलझा

हल्द्वानी, 24 मई (Udaipur Kiran) । पर्वतीय सांस्कृतिक उत्थान मंच का विवाद आपसी सहमति से सुलझा लिया गया है। संस्थापक सदस्य भुवन जोशी और हरीश मेहता की उपस्थिति में हुई बैठक में संरक्षक हुकम सिंह कुंवर ने अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि 1982 से वह मंच से जुड़े हैं। उनका मंच के लिए बड़ा योगदान रहा था, उनको एक तरफा पद मुक्त करने का निर्णय विधि संगत नहीं था, क्योंकि पूरी कार्यकारणी का कार्यकाल अप्रैल 2025 तक है।

अध्यक्ष खड़क सिंह बगड़वाल ने बताया कि इसमें कोई शक नहीं है कि हुकम सिंह कुंवर का योगदान मंच के लिए कम नहीं है। कुछ गलतफहमी हो गई थी, जिसे अब सुधार लिया गया है। संस्थापक सदस्य भुवन जोशी व हरीश मेहता ने दोनों पक्षों को सुना और उन्होंने पर्वतीय सांस्कृतिक उत्थान मंच के हित में विवाद खत्म करने के लिए सहमति बनाने को कहा।

बैठक में पूर्व अध्यक्ष पृथ्वी पाल रावत व पूर्व कोषाध्यक्ष एनबी गुणवंत ने कहा कि संस्था व पर्वतीय समाज के हित में विवाद खत्म कर आगे की सोचें। आम सहमति जताते हुए निर्णय लिया गया कि संरक्षक हुकम सिंह कुंवर सहित अन्य सभी पदाधिकारी अप्रैल 2025 तक बने रहेंगे। अप्रैल 2025 से पहले आम चुनाव करा लिए जायेंगे, दोनों पक्ष अपने-अपने दावे वापस ले लेंगे। यह भी निर्णय लिया गया कि मंच को अधिक सक्रिय करने के लिए चार जीवित आजीवन सदस्य भुवन जोशी, हरीश मेहता, किरन पांडे, प्रेम सिंह अधिकारी के अलावा, पर्वतीय समाज के सम्मानित पांच सलाहकार और दस विशेष आमंत्रित सदस्य बनाए जायेंगे।

मंत्री देवेंद्र टोलिया ने कहा कि हम सबका मकसद मंच को सही तरीके से संचालित करना है। विवाद खत्म होने पर मंच के सहयोगी डॉक्टर महेंद्र सिंह पाल पूर्व सांसद, लक्ष्मण सिंह लमगड़िया, हेमंत सिंह बगड़वाल, किरन पांडे, केदार पलड़िया, पंकज सुयाल, श्याम सिंह नेगी, प्रताप सिंह चौहान, दिनेश कुंजवाल, बृज मोहन सिजवाली, बालम सिंह बिष्ट आदि ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि मंच के मामले में आपसी विवाद नहीं होने चाहिए।

(Udaipur Kiran) /अनुपम गुप्ता/सत्यवान

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