
रांची, 9 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । दूध सहित अन्य खाद्य पदार्थों में होने वाले मिलावट को लेकर स्वतः संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर झारखंड उच्च न्यायालय में गुरुवार को सुनवाई हुई।
झारखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और जस्टिस राजेश शंकर की खंडपीठ ने मामले में अगली सुनवाई में जेपीएससी सचिव को कोर्ट में सशरीर उपस्थित होने का निर्देश दिया है। मामले में अगली सुनवाई 16 अक्टूबर को होगी। झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) की ओर से कोर्ट को बताया गया कि फूड सेफ्टी ऑफिसर, फूड एनालिस्ट, लैब टेक्नीशियन सहित अन्य रिक्त पदों पर नियुक्ति के लिए जेपीएससी ने वर्ष 2023 में विज्ञापन निकाला गया था और इसकी परीक्षा आयोजित कर ली गई है। लेकिन शैक्षणिक अर्हता और समकक्ष शैक्षणिक अर्हता के मुद्दे पर एक समिति गठित की गई है। कोर्ट को बताया गया कि इसकी रिपोर्ट आने के बाद रिजल्ट जारी किया जाएगा।
इस पर कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि इतने दिनों तक इन पदों को रिक्त रखने का औचित्य क्या है। कोर्ट ने कहा कि अब तक रिजल्ट प्रकाशित की जानी चाहिए थी।
वहीं इसके पूर्व मामले के एमीकस क्यूरी अधिवक्ता पीयूष पोद्दार ने पैरवी की। जेपीएससी की ओर से अधिवक्ता संजय पिपरवाल ने पक्ष रखा।
उल्लखनीय है कि वर्ष 2012 में स्थानीय समाचार में दूध में मिलावट की प्रकाशित खबर को झारखंड उच्च न्यायालय ने गंभीरता से लेते हुए उसे जनहित याचिका में तब्दील कर दिया था।
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(Udaipur Kiran) / Vinod Pathak
