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हाईकोर्ट ने 85 वर्षीय विधवा की पेंशन का पुनरीक्षण न करने की जानकारी मांगी

प्रयागराज उच्च न्यायालय का छाया चित्र

–मुख्य कोषाधिकारी आगरा के विरुद्ध याचिका

प्रयागराज, 29 अगस्त (Udaipur Kiran) । इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने मुख्य कोषाधिकारी आगरा द्वारा मुफीदेअम इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य रहे डॉ प्रेम प्रकाश श्रीवास्तव की 85 वर्ष से अधिक उम्र की विधवा शशि श्रीवास्तव की पारिवारिक पेंशन का पुनरीक्षण न किए जाने के विरुद्ध दाखिल याचिका पर स्थायी अधिवक्ता से जानकारी प्राप्त करने का निर्देश दिया है।

यह आदेश न्यायमूर्ति चंद्रधारी सिंह ने याची के अधिवक्ता को सुनकर दिया है। प्रदेश सरकार के शासनादेश के तहत मुख्य चिकित्सा अधिकारी आगरा द्वारा गठित मेडिकल बोर्ड में परीक्षण के बाद याची की आयु 86 वर्ष घोषित की गई थी। नियमानुसार 80 वर्ष की आयु पर पेंशन का पुनर्निर्धारण होता है और उसके प्रत्येक पांच वर्ष के बाद पेंशन के पुनः पुनरीक्षण के नियम है। लेकिन याची की पारिवारिक पेंशन के पुनः निरीक्षण की उसके बार बार अनुरोध के बावजूद मुख्य कोषाधिकारी आगरा द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई। जबकि इस संदर्भ में अपर आयुक्त आगरा एवं अपर निदेशक पेंशन एवं कोषागार आगरा द्वारा कई बार मुख्य कोषाधिकारी आगरा को निर्देश जारी किए गए थे। इससे क्षुब्ध होकर उन्होंने याचिका दाखिल की।

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(Udaipur Kiran) / रामानंद पांडे

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